चांदीपुरा वायरस ने मचाया हाहाकार, 32 लोगों की मौत
एजेंसी अहमदाबाद
गुजरात के कई गांवों में चांदीपुरा वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। इस वायरल के कारण 32 लोगों की मौत हो गई और 84 लोग इसकी चपेट में हैं। चांदीपुरा वायरस जानलेवा होने के साथ-साथ बच्चों को अपना शिकार बनाता है। 15 साल से कम के बच्चे आसानी से इस वायरस की गिरफ्त में आ रहे हैं। चांदीपुरा वायरस गुजरात के 12 जिलों में फैल चुका है। आम लोग तेजी से इस वायरस का शिकार हो रहे हैं। अब तक अहमदाबाद, अरावली, बनासकांठा, सुरेंद्रनगर, गांधीनगर, खेड़ा, मेहसाणा, नर्मदा, वडोदरा और राजकोट में चांदीपुरा वायरस के केस सामने आए हैं। गुजरात के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी ये वायरस पहुंच गया है।
प्रशासन ने उठाए कदम
चांदीपुरा वायरस के बढ़ते केसों पर लगाम कसने के लिए प्रशासन ने भी सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। गुजरात के 19 हजार से अधिक घरों में कीटनाशक का छिड़काव हुआ है। सवा लाख के करीब लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। इसके अलावा राज्य सरकार ने हेल्थ एडवाइजरी भी जारी की है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण
चांदीपुरा वायरस के लक्षण आम फ्लू की तरह होते हैं। इसका शिकार होने के पर लोगों को खांसी, जुकाम और तेज बुखार हो सकता है। इसके अलावा चांदीपुरा वायरस एन्सेफलाइटिस का भी कारण बन सकता है, जिससे दिमाग में सूजन होती है और लोगों की जान पर बन आती है।
चांदीपुरा वायरस क्या है?
चांदीपुरा वायरस का पहला मामला 1966 में सामने आया था। नागपुर के चांदीपुर में पहली बार इस वायरस की पहचान हुई थी, जिसके नाम पर इसे चांदीपुरा वायरस कहा जाता है। 1966 के बाद 2004, 2006 और 2019 में चांदीपुरा वायरस के केस सामने आए थे। ये वायरस मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है। साथ ही मच्छर भी इस वायरस को फैलाने का काम करते हैं।
चांदीपुरा वायरस से बचाव
चांदीपुरा वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है। यही वजह है कि बड़े पैमाने पर लोगों की जानें जा रही हैं। हालांकि कुछ सावधानियों की मदद से इस वायरस की चपेट में आने से बचा जा सकता है। घर के आसपास सफाई रखने, मच्छरों-मक्खी से दूर रहने, कीटनाशक का छिड़काव करने और दीवारों की दरारों को सीलन फ्री रखकर आप चांदीपुरा वायरस के खतरे को टाल सकते हैं।