कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का कोई आदेश नहीं
सरकार ने कहा- मर्जी से लिखना चाहे तो लिख सकते हैं
दैनिक अवन्तिका भोपाल
कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं है। होटल चलाने वाले यह बता सकते हैं कि वह किस तरह का खाना यानी, शाकाहारी या मांसाहारी परोस रहे हैं। लेकिन उन्हें अपना नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है। इस बीच मध्यप्रदेश सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है। सरकार की ओर से कहा गया कि मध्यप्रदेश में दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है। सभी नगरीय निकायों को किसी भी तरह के भ्रम से बचने को कहा गया है।
नगरीय विकास और आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है। लोग अपनी स्वेच्छा से दुकान का नाम और मालिक का नाम लिख सकते हैं।
उज्जैन महापौर ने दिए थे दुकान मालिकों को निर्देश
उज्जैन महापौर मुकेश टटवाल ने दुकान मालिकों को बोर्ड पर अपने नाम और फोन नंबर लिखने के निर्देश दिए गए थे। टटवाल ने 26 सितंबर 2002 के मेयर-इन-काउंसिल के एक फैसले का हवाला दिया था। इसमें दुकानदारों को नाम लिखने के लिए कहने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। उन्होंने दावा किया था कि ये प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था और सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। विभाग ने कहा है कि मध्यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 के अंतर्गत दुकानों पर बोर्ड लगाए जा सकते हैं। इन बोर्ड्स पर दुकान के मालिक का नाम प्रदर्शित करने की कोई बाध्यता नहीं है।