पीएम श्री वायु सेवा में यात्रियों का टोटा- उज्जैन में रोकी पर्यटन वायु सेवा….एक माह में पचास प्रतिशत भी नहीं मिल सके यात्री

उज्जैन। प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने भले ही बेहतरी से प्रयास कर पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा की शुरूआत करते हुए उज्जैन को भी इस सेवा से जोड़ा हो लेकिन एक माह का जो आंकड़ा सामने आया है उसमें उज्जैन ही नहीं बल्कि जिस-जिस शहरों में ये सेवा शुरू हुई है वहां उड़ान भरने वाले वायुयानों में यात्रियों का टोटा बना हुआ है। कुल मिलाकर क्षमता के मान से पचास प्रतिशत भी यात्री नहीं मिल सके है। इधर उज्जैन के लिए वायु सेवा को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है। इसके पीछे तकनीकी कारण बताए गए है।

उज्जैन के लिए वायु सेवा को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है। बताया जा रहा है कि उज्जैन की हवाई पट्टी पर कुछ काम के साथ ही उसकी फेंसिंग का काम होना है। इसके चलते पर्यटन वायु सेवा को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है। प्रदेश में रीजनल कनेक्टिविटी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा की शुरुआत की है। इस सेवा का 14 जुलाई को एक माह पूरा हो गया। आठ शहरों के लिए शुरू की गई पर्यटन सेवा में कुछ रूट पर निजी कंपनी फ्लाय ओला को बहुत कम यात्री मिले हैं। ऐसे में अब कंपनी ने अपने वायु सेवा के रूट का संशोधित प्लान तैयार किया है। जिसके अनुसार सेवा शुरू भी कर दी गई है। पिछले एक माह में  भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सिंगरौली, रीवा, उज्जैन एवं खजुराहो के बीच छह सीटर विमान सी-90 विमान से सेवा का संचालन किया है। इसमें भोपाल से ग्वालियर, भोपाल से जबलपुर, इंदौर से जबलपुर और उज्जैन से जबलपुर में कंपनी को 50 प्रतिशत यात्री भी नहीं मिले। 14 जून से 14 जुलाई के आंकड़ों के अनुसार 700 यात्रियों की क्षमता पर 550 यात्रियों ने ही यात्रा की। यानी आठ शहरों में कुल 70 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी रही।

75% से अधिक ऑक्यूपेंसी:    भोपाल-इंदौर, भोपाल-उज्जैन, इंदौर-उज्जैन, जबलपुर-उज्जैन, रीवा-जबलपुर, रीवा-सिंगरौली, सिंगरौली-रीवा, उज्जैन-इंदौर में  कंपनी को 75 प्रतिशत से कम ऑक्यूपेंसी मिली।

50 से 75% ऑक्यूपेंसी  : भोपाल-जबलपुर, भोपाल-खजुराहो, इंदौर-भोपाल, जबलपुर-भोपाल, जबलपुर-खजुराहो, जबलपुर-रीवा, खजुराहो-भोपाल, उज्जैन-भोपाल में 50 से 75 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी रही।

50% से कम ऑक्यूपेंसी: भोपाल-ग्वालियर, ग्वालियर-भोपाल, इंदौर-जबलपुर, और उज्जैन-जबलपुर में 50 प्रतिशत से कम ऑक्यूपेंसी रही