नाबालिग बच्ची से खोटा काम करने वाले को 10 वर्ष का सश्रम कारावास
ब्रह्मास्त्र इंदौर। नाबालिग बच्ची से कोटा काम करने वाले दुष्कर्मी को अदालत ने 10 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा दी है। श्रीमती नीलम शुक्ला, 13वें अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्टर), जिला इंदौर के न्यायालय में मंगलवार को थाना शिप्रा के विशेष सत्र प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए आरोपी केसरदास निवासी शिप्रा को धारा 376(2)(आई) भादंसं में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 366 भादंसं में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व 7000 रुपए का दंड सुनाया। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर अतिरिक्त दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास भी पृथक से भुगताने का आदेश किया गया।
जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुशीला राठौर ने की।
ये है मामला
बालिका ने पुलिस थाना शिप्रा पर सूचना दी कि 28 अगस्त 2017 को रात करीब 9 बजे वह परिवार के साथ उसके मामा के घर गणेशजी की आरती में गए थे। वहां से वे लोग रात में ही घर वापस आ गए । अचानक रात 1 बजे उसके पेट में दर्द होने से उसने अपनी छोटी बहन से कहा कि वह फ्रेश होने जा रही है । लाइट के उजाले में वह अकेली ही फ्रेश होने चली गई । जब वह फ्रेश होकर घर वापस लौट रही थी, तब अभियुक्त वहीं इधर-उधर घूम रहा था। जब वह अपने घर के सामने हाथ धो रही थी, तभी अभियुक्त ने उसका मुंह बंद कर उसे अपने घर ले गया और उसके साथ जबर्दस्ती खोटा काम किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। उसने डर के कारण ये बात उस समय किसी को नहीं बताई । सुबह उसने घटना के बारे में माता-पिता को बताया और थाने आई । उक्त सूचना पर आरोपी के विरुद्ध थाना शिप्रा में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जिस पर आरोपी को उक्त सजा सुनाई गई।