मुख्यमंत्री यादव की पहल : 7-8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट

उज्जैन। मध्य प्रदेश के औद्योगिक, आर्थिक विकास को ऊंचाईयां देने के सतत प्रयास किए जा रहे है। मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश की गति को और तेज करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की श्रृंखलाएं आयोजित करने की शुरूआत की गई है।

इन कान्क्लेव के बाद 7 और 8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्रस्तावित है। इसकी थीम भविष्य के लिए तैयार मध्य प्रदेश रखी गई है। प्रदेश में उपलब्ध सुविधाओं को सामने रखकर निवेशकों से संवाद किया जा रहा है। इसकी अगुआई मुख्यमंत्री स्वयं कर रहे हैं। भोपाल में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मध्यप्रदेश की नई निर्यात नीति की घोषणा होगी और निवेश बढ़ाने के लिए नये निवेशकों के साथ नई उद्योग नीति में किए गए प्रावधानों को सांझा किया जाएगा। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद कर रहे हैं और जो कठिनाइयां बताई जा रही हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले दिनों सीएम डॉ यादव मुम्बई में प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात और चर्चा के बाद अब २५ जुलाई को कोयंबटूर में उद्योगपतियों से मुलाकात करने वाले है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निर्यात के क्षेत्र में प्रदेश ने प्रगति की है पर इसे और प्रोत्साहित करने के लिए नीति भी समिट के दौरान घोषित की जाएगी। प्रदेश के उत्पाद देश-दुनिया की नजर में आए, इसके लिए इकाइयों को ई-कामर्स प्लेटफार्म से जोडऩे की पहल भी की जाएगी। निवेश के लिए इन क्षेत्रों का चिह्नित सरकार ने निवेश के लिए उन क्षेत्रों को चिह्नित किया है जो आर्थिक गतिविधियों को गति देते हैं। इसमें आटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मा, अक्षय ऊर्जा, वस्त्र, स्वास्थ्य, पर्यटन, वेयरहाउसिंग प्रमुख हैं। राज्य सरकार प्रदेश को औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में सुनियोजित प्रयास कर रही है। मध्यप्रदेश में निर्माण क्षेत्र में सुधार आने के साथ ही प्रदेश से विदेशी निर्यात की अपार संभावनाएं बनी है। अब विदेश व्यापार नीति के अनुसार मध्यप्रदेश ने निर्यात पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यम, किसान और किसान उत्पादक संगठनों, कलाकारों के हस्तशिल्प प्रोडक्ट और उद्यमियों के स्टार्टअप को सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश से निर्यात की संभावनाओं का आंकलन कर ऐसे उत्पादों की निर्यात सूची बनाई गई है, जिनकी विदेशी बाजार में मांग है।