गुरू शिष्य परम्परा भारतीय संस्कृति की पहचान है- शर्मा

बडनगर । स्थानीय शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,बडनगर में गुरू पूर्णिमा उत्सव का द्वितीय दिवस उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रमों का प्रारम्भ प्राचार्य लक्ष्मण चेलाणी द्वारा मां सरस्वती का पूजन कर किया गया। गुरू वन्दना की प्रस्तुति कु. मंगला, कु .समीक्षा, कु. दिव्या, कु. रीतिका एवं कु. खुशबु कक्षा बी.ए.एव बी.एससी द्वितीय वर्ष द्वारा की गई।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग और ध्यान कितना जरूरी है और यह कैसे किया जाय। इस विषय पर महाविद्यालय के क्रीडा अधिकारी विजयसिंह देवल ने अपने विचार रखे और ध्यान करने का तरीका बतलाया। गुरू के आदर्श विषय पर राष्ट्रवादी विचारक सांवरिया शर्मा ने चाणक्य, शंकराचार्य, समर्थ गुरू रामदास, रामानुजाचार्य, रामानन्दाचार्य, रविदास, गुरूनानक, गुरू गजानन्द स्वामी, गुरू श्रृद्धानन्द, आचार्य रामचन्द्र शर्मा आदि गुरूओं के आदर्श एवं सिद्धांतों की रोचक जानकारी प्रदान की।
शिक्षा में नवाचार विषय पर समाजशास्त्र की प्रो.डॉ.शाहीन खान ने अपने दृष्टिकोण को रखते हुए नवाचार की रीतियों एव आवश्यकताओं को बतलाया । गुरू और उसकी महिमा को इंगिस करने वाले कथानकों को रखते हुए डॉ.दीपा वाडिया और प्रो.मनोज लश्करी ने शिष्यजीवन में गुरू की महत्वता को बतलाया। आदर्श शिष्य का आचरण कैसा हो कहानी के माध्यम से बी.ए.द्वितीय वर्षकी छात्रा कु.जया महार ने बतलाया। कार्यक्रम के अंत में डॉ.विकेश कुमार सिंह ने गुरू एवं शिष्य पर प्रशनोत्तरी के माध्यम से विद्यार्थियों के ज्ञान को आंकलित किया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का संचालन नितेश जोशी ने किया और आभार प्रो.कविता मांडरे ने माना।
महिदपुर
शासकीय महाविद्यालय महिदपुर में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव का आज समापन हुआ। गुरु पूर्णिमा उत्सव के अंतर्गत आज महाविद्यालय से सेवा निवृत्त पूर्व प्राचार्य डॉ बी.एल. आंचलिया ,डॉ योगेन्द्र कुमार मुखिया एवं सेवा निवृत्त शिक्षक श्री सुमतिलाल छजलानी और समाजसेवी श्री अंकुर भटेवरा अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर
अंकुर भटेवरा ने महाविद्यालय की स्थापना में ‘शिक्षा विकास समिति’ के योगदान के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि शिक्षा में किया गया व्यय सबसे उत्तम निवेश है। श्री सुमतिलाल छजलानी ने महाविद्यालय की स्थापना , भूमि आबंटन नवीन भवन स्वीकृति व विज्ञान स्नातक तथा एम.ए. – एम. काम. कक्षाओं के संचालन हेतु उनके सार्थक प्रयासों की जानकारी दी और अपने अनुभव को साझा किया। डॉ व्हाय. के.मुखिया ने गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। आपने पूर्व विधायक आनंदीलाल जी छजलानी द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदान की सराहना की। डॉ बी. एल. आंचलिया ने महाविद्यालय के अपने दीर्घ अध्यापन अनुभव को साझा किया।
इससे पूर्व अतिथि परिचय एवं स्वागत भाषण महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ प्रभाकर मिश्र ने दिया। डॉ पी.एस.पटेल ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं गुरुपरंपरा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ राजेश कुमार माहौर, डॉ रीना अध्वर्यु, डॉ प्रज्ञा शर्मा, डॉ नानूराम मुवेल, सुश्री हुमेरा खान, श्री शैलेन्द्र सिंह सेंगर, सुश्री राधा वर्मा, ठउउ कैडेट व विद्यार्थी उपस्थित रहें। डा. आशा सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम संचालन प्रो. डॉ जेड यू अहिंगर ने संचालन किया तथा आभार डॉ घनश्याम सिंह ने माना।