मध्य प्रदेश में पहली बार इंदौर के एमवाय अस्पताल में हुई हाथी पांव की सर्जरी

इंदौर। आमतौर पर हमारे हाथ-पैर में सूजन आती है तो हम इसे सामान्य समझ लेते हैं लेकिन यह हाथी पांव रोग भी हो सकता है। इसे लिम्फिडिमा बीमारी कहा जाता है। झाबुआ निवासी 35 वर्षीय महिला करीब दो वर्ष से लिम्फिडिमा बीमारी से ग्रसित है।

कई बार इलाज भी करवाया, लेकिन कोई इस बीमारी को समझ नहीं पाया था। वह इसे चर्बी समझ रही थी। जब महिला सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में आई तो जांच में बीमारी का पता चल पाया। इस पर विशेषज्ञों की टीम ने लिम्फेटिकोवेनस एनास्टोमोसिस नाम की सुपर फाइन माइक्रो सर्जरी (एलवीए) की। करीब दो घंटे तक चली सर्जरी के बाद अब महिला को आराम मिला है। सर्जरी करने वाले प्लास्टिक सर्जन डॉ. जुबिन सोनाने और डॉ. सौरभ गुप्ता ने बताया कि लिम्फिडिमा बीमारी जन्मजात, एक्सीडेंट और संक्रमण के कारण होती है। स्तन कैंसर की सर्जरी के बाद महिलाओं के हाथों में सूजन आती है। यह बीमारी उनमें सामान्य है। क्योंकि कैंसर के उपचार के कारण लिम्फ नोड को हटा दिया जाता है। शरीर में खून की नसों के अलावा लिम्फ की धमनियां भी होती हैं। कई बार लिम्फ की धमनियां ब्लाक हो जाती हैं। इस सर्जरी में खून की नसों में लिम्फ की धमनियों को जोड़ देते हैं, जिससे जो लिम्फ का जो प्रभाव रुक जाता है, वह ठीक होने लगता है। इससे सूजन भी कम हो जाती है। डॉक्टरों ने बताया कि प्रदेश में पहली बार किसी शासकीय अस्पताल में एलवीए सर्जरी की गई है। देश में यह सर्जरी काफी कम सेंटर पर ही होती है। अब तक इस बीमारी का इलाज पैर में पट्टा बांधकर किया जाता रहा है, लेकिन अब आधुनिक तरीके से इसका इलाज किया जा रहा है।