उज्जैन से शिक्षाअधिकारियों ने उठाई आवाज तो राज्य स्तर पर गरीब पालकों को राहत मिली सरकारी स्कूल की पहली में मिल सकेगा 6 वर्ष उम्र के बच्चों को एडमिशन -पूर्व में पहली के लिए 01 अप्रेल थी नियत,संशोधन कर 30 सितंबर किया गया

दैनिक अवन्तिका ब्रह्मास्त्र उज्जैन

उज्जैन। करीब एक पखवाडे पूर्व आयुक्त शिक्षा की विडियो कांफ्रेंसिंग में उज्जैन के शिक्षा अधिकारियों ने नन्हें बच्चों के सरकारी स्कूलों में एडमिशन की उम्र के बंधन को लेकर सवाल उठाया था। आयुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था उन्हें अब तक ये पेचिदगी क्यों नहीं बताई। मामला संज्ञान में आने पर बच्चों के एडमिशन को लेकर पेचिदगी दूर की गई है। आयु निर्धारण में संशोधन किया गया है।पेचिदगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार पूर्व प्राथमिक एवं प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश के लिए आयु निर्धारण को लेकर खडी हुई थी जिससे सरकारी स्कूलों में प्रवेश से गरीब वर्ग के बच्चे वंचित हो रहे थे।

उज्जैन जिले में वर्ष 2023-24 के शिक्षा सत्र में सरकारी स्कूलों में कुल 25938 बच्चों ने कक्षा पहली में प्रवेश लिया था पिछले साल इन बच्चों के लिए उम्र की स्थिति 5 वर्ष एवं अधिक थी। इसकी अपेक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इस वर्ष 01 अप्रेल 2024 को पहली में जाने वाले बच्चे को 6 वर्ष और अधिक का होना था। ऐसे में कई बच्चे सरकारी स्कूलों में प्रवेश से वंचित हो रहे थे जिले भर में ऐसे करीब 37 प्रतिशत से अधिक बच्चे प्रभावित हो रहे थे। इसे लेकर जिला शिक्षा विभाग एवं परियोजना के अधिकारियों में इस बंधन के मामले को आयुक्त शिक्षा के समक्ष रखा था तो नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा था कि इस मसले पर सीधे उन्हें अवगत क्यों नही करवाया गया। इस मसले पर स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए प्रवेश के लिए आयु सीमा निर्धारण में संशोधन किया है।

ये किया संशोधन –

1.पूर्व प्राथमिक यानिकी प्री प्रायमरी कक्षाओं नर्सरी, केजी-1,केजी-2 में प्रवेश के लिए 01 अप्रेल के स्थान पर 31 जुलाई 2024 किया गया।

  1. कक्षा पहली के लिए 01 अप्रेल के स्थान पर 30 सितंबर 2024 किया गया।

इन कक्षाओं में प्रवेश के लिए आयु कि गणना संशोधित की गई तिथि के अनुसार की जाएगी।

अब बढेंगे पहली में पंजीयन-

पिछले वर्ष के मुकाबले जिले के सरकारी स्कूलों की कक्षा पहली में मात्र 63.17 प्रतिशत ही एडमिशन इस बार इस पेचिदगी के कारण हो सके थे। पिछले वर्ष जिले में पहली कक्षा में कुल 25938 बच्चों को एडमिशन मिला था। आयु निर्धारण के बाद इस वर्ष सत्र की शुरूआत से लेकर अब तक 16386 बच्चों को ही एडमिशन मिल सका है। संशोधित आदेश में करीब 6 माह की राहत दी गई है ऐसे में सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेने से वंचित हो रहे हजारों बच्चों को एडमिशन मिलेगा और गरीब वर्ग को राहत मिल सकेगी।

समान आयु एक पहली में एक दुसरी में-

शिक्षा विभाग के जानकार बताते हैं कि पिछले वर्ष पहली कक्षा में एडमिशन लेने वाले बच्चे की उम्र 5 वर्ष और उससे अधिक थी। इस वर्ष से राष्ट्रीय शिक्षा निती में विहित प्रावधान अनुसार सरकारी स्कूल की पहली में एडमिशन लेने वाले बच्चे की उम्र 6 वर्ष और अधिक होना है। ऐसे में एक बच्चा 6 वर्ष का पहली में रहेगा और एक दुसरी में ।

जुलाई लगभग बीतने को है और अभी भी पैतीस प्रतिशत स्कूलों की कक्षा पहली क्लास का खाता ही नहीं खुला है। हम यहां एडमिशन की बात कर रहे हैं। इसका कारण है उम्र का बंधना हालांकि एक दिन पहले उम्र के बंधन को लेकर राहत प्रदान की है। जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि नामांकन की संख्या बढ़ जाएगी।

प्रवेश में ये था उम्र का रोडा-

सरकार की नई शिक्षा नीति में उम्र का बंधन नामांकन में रोड़ा बन रहा था । पहली कक्षा में प्रवेश एक अप्रैल 2024 को जो बच्चे 6 साल के हो जाएंगे। उनको प्रवेश मिलेगा। ऐसे में प्रवेश प्रक्रिया शुरु हुई। जिसके तहत छह वर्ष पूरे होने के बाद ही पहली कक्षा में बच्चों को प्रवेश मिलेगा। इस नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद प्रवेश में एकाएक भारी कमी हो गई। सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली के नामाकंन में जिले में सीधे करीब 40 प्रतिशत की गिरावट सामने आ रही थी । पुरानी नीति के अनुसार पांच वर्ष पूरे होने पर पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाता था।

शिक्षाधिकारियों ने गरीब वर्ग के पक्ष की आवाज उठाई-

शिक्षा विभागीय सूत्रों के मुताबिक गरीब वर्ग जो उम्र के बंधन से बच्चों का सरकारी स्कूल में प्रवेश नही दिला पा रहे थे वही दूसरी ओर आर्थिक स्थिति कमजोर होने से वे निजी स्कूल में भी दाखिला भी नहीं करवा सकते हैं। ऐसी स्थिति में उज्जैन से शिक्षा अधिकारी एवं परियोजना समन्वयक की और से उठी आवाज से प्रदेश भर के ऐसे वर्ग एवं उसके बच्चों को लाभ मिला है।

सरकारी स्कूलों में नहीं होती केजी-1,केजी-2-

उम्र के बंधन के मामले में सर्वाधिक नुकसान गरीब वर्ग एवं सरकारी स्कूलों को हो रहा था। प्रायवेट स्कूलों में तो केजी-1 एवं केजी-2 की स्थिति में एडमिशन लिए जाते हैं इसकी एवज में सरकारी स्कूलों में केजी-1 एवं केजी-2 जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। यहां सीधे कक्षा पहली से ही शुरूआत होती है।

ये थी जिले में स्थिति-

शिक्षा सत्र 2023-24 में जहां जिले में कुल 25938 बच्चों ने कक्षा पहली में प्रवेश लिया था। इसके एवज में शिक्षा सत्र 2024-25 में आयु के निर्धारण के चलते  मात्र 16386 बच्चों को ही प्रवेश मिल सका था। आयु निर्धारण के आदेश में संशोधन की स्थित सामने आने के बाद संभावित तौर पर 9552 बच्चों का प्रवेश हो सकेगा।

विकासखंड     सत्र2023-24    सत्र 2024-25    संभावित प्रवेश

बडनगर          3869                2307               1562

घट्टिया           1965                1329                  636

खाचरौद          5397                3122               2275

महिदपुर          3972               2058                1914

तराना             3440               2201                 1239

उज्जैन ग्रामीण  2235                1408                 827

उज्जैन शहरी   5060                 3961                1099

स्त्रोत-जिला शिक्षा परियोजना, उज्जैन।