फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब सुधार के लिए हर तरफ से सख्ती
भोपाल। प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब इसमें सुधार के लिए हर तरफ से सख्ती हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश में आयोग बनाया जा रहा है। यह प्रवेश परीक्षा कराने और निगरानी का काम करेगा।
कॉलेजों को मान्यता राष्ट्रीय स्तर पर बन रहे आयोग द्वारा दी जाएगी। अगले सत्र (वर्ष 2025-26) से राष्ट्रीय आयोग काम करने लगेगा। यह इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) के मापदंडों के आधार पर कॉलेजों को मान्यता देगा। मध्य प्रदेश के अतिरिक्त कुछ अन्य राज्य भी इस व्यवस्था को अपना सकते हैं। इससे नर्सिंग कॉलेजों की गुणवत्ता में सुधार आएगा। उल्लेखनीय है कि मेडिकल और आयुष कॉलेजों की मान्यता भी इनके लिए राष्ट्रीय स्तर पर बने आयोग देते हैं, लेकिन नर्सिंग कॉलेजों के लिए अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं है। नर्सिंग कॉलेजों को राज्यों की काउंसिल ही मान्यता दे रही है। बता दें वर्ष 2018 के पहले तक आईएनसी के मापदंडों के आधार पर मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल कॉलेजों को मान्यता दे रही थी। इसके बाद राज्य सरकार ने अपने नियम बनाकर मापदंड निर्धारित किए थे , इसके आधार पर मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल मान्यता दे रही थी। मापदंडों की अनदेखी कर कॉलेजों को मान्यता देने का खुला खेल वर्ष 2018 के बाद से ही शुरू हुआ है। हाई कोर्ट द्वारा पिछले सप्ताह दिए निर्देश के बाद इस सत्र (वर्ष 2024-25) की मान्यता भी दी जानी है, लेकिन वर्तमान सत्र में आईएनसी के मापदंडों के आधार पर मान्यता देने का काम मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ही करेगी।