देवी अहिल्या की 300वीं जयंती पर होंगे आयोजन

इंदौर। अगले महीने की 13 तारीख को मालवा प्रांत के सभी शिवालयों में अनुष्ठान और शिव उत्सव मनाया जाएगा। देवी अहिल्या बाई की जन्मजयंती के 300 साल पूरे होने पर ये आयोजन किए जाएंगे।

इसी को लेकर सोमनाथ मठ सागौर में एक बड़ी बैठक रखी है तीज जिसमें मठ मंदिरों के पुजारियों ने भाग लिया। शुरुआत में समिति की माला सिंह ठाकुर ने बताया कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने अपना संपूर्ण जीवन भगवान शिव को आराध्य मानते हुए जिया हैं ।   माता अहिल्याबाईं ने देशभर में सेंकड़ों शिवालयों एवं मंदिरों का निर्माण करवाया, जिसमें काशी विश्वनाथ, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के साथ साथ सेंकड़ों मंदिरों व मठों का निर्माण शामिल हैं ढ्ढ माता अहिल्याबाई भगवान शिव की उपासक थी तथा समाज शोषित ,पीड़ित समाज को न्याय दिलाने के साथ साथ सामाजिक समरसता के भाव को लेकर समाज में परिवर्तन के प्रतीक तथा लोकमाता के रूप में समाज में श्रद्धा का केंद्र बनी लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी समारोह के लिए मालवा प्रांत के सेंकड़ों शिवालयों में सामाजिक समरसता महारुद्राभिषेक के अनुष्ठान सम्पन्न होंगे। फिलहाल 63 स्थानों का चयन किया गया है। 13 अगस्त को सम्पूर्ण मालवा प्रांत शिवालयों में उत्सव और अनुष्ठान के कार्यक्रम में सामाजिक समरसता का संदेश भी दिया जाएगा। बैठक को प्रांत जनजाति प्रमुख रूपसिंह नागर तथा दसनाम गोस्वामी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व सोमनाथ महादेव मठ के महंत निलेश भारती, भगवान परशुराम मंदिर जानापाव के महंत आचार्य ओमप्रकाश व्यास,नर नारायण मंदिर आचार्य वासुदेव, भागवताचार्य जितेन्द्रदास महाराज ने भी संबोधित किया। त्रिशताब्दी समारोह समिति के द्वारा वर्षभर विविध कार्यक्रम व अनुष्ठान सम्पन्न होंगे जिसके अंतर्गत माता अहिल्याबाई के जीवन के प्रसंगों को आमजन को बताया जाएगा। 13 अगस्त लोकमाता अहिल्याबाई के पुण्य तिथि पर मठ मंदिरों पर मातृ शक्ति सम्मेलन, मंदिरों में चित्र कला प्रतियोगिता, महाशिवरात्रि पर कलश यात्रा आयोजित होगी। सोमनाथ महादेव मठ पर आयोजित बैठक में इंदौर, देपालपूर,मानपूर,महू, धार, मांडू, सुल्तानपुर, बेटमा, दिग्ठान, घाटाबिल्लोद, पीथमपुर, सागौर सहित सेंकड़ों स्थानो से पुजारी उपस्थित हुए ।