खाद्य विभाग के अधिकारियों का इधर क्यों नहीं जाता ध्यान, दवाईयों और इंजेक्शन से सब्जी पकाकर सेहत के साथ खिलवाड़
सवाल – क्या मिठाईयों और नमकीन के ही लिए जाते है सैंपल
उज्जैन। शहर के कई गोडाउनों में सब्जियों को इंजेक्शन या दवाइयों से पकाकर मंडियों में बेचा जा रहा है। ये दवाइयां और इंजेक्शन से पकी सब्जियां सेहत के लिए कितनी घातक हो सकती है इसका उदाहरण डॉक्टरों ने भी दिया है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी सब्जियों से गंभीर बीमारी हो सकती है।
गौरतलब है कि शहर में गली मोहल्लों और कॉलोनियों में भी ठेले वाले सब्जियां बेचने के लिए जाते है और बाजारों में वे सब्जियां भी मिलती है जो मौसम के अनुसार नहीं होती है। चूंकि सब्जी ताजा दिखाई देती है इसलिए लोग इन्हें खरीद लेते है। सवाल यह उठता है कि सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ क्या खाद्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई नहीं कर सकते है या फिर जिस तरह से नमकीन या मिठाइयों या खाद्यान्न सामग्री की दुकानों पर जांच होती है वैसी जांच सब्जियों की नहीं की जा सकती है । सब्जी बाजारों में हर तरह की ताजी सब्जी उपलब्ध रहती है लेकिन इनमें कई सब्जियां ऐसी हैं जिन्हें समय से पहले पका कर बाजार में बेचने के लिए भेजा जा रहा है। यह नहीं है कि हर तरह की सब्जी पर किसी तरह के केमिकल दवा या इंजेक्शन का इस्तेमाल होता है लेकिन कुछ सब्जियां हैं जिनमें केमिकल का छिड़काव कर या इंजेक्शन से समय से पहले पका कर बाजार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक साबित होती हैं। सब्जी व्यवसाय में लगे कुछ लोगों ने बताया कि शिमला मिर्च, लौकी और तोरई को इंजेक्शन लगाया जाता है जिससे दो तीन घंटे में ही ये कई गुना वजन की हो जाती हैं। इसके अलावा कई और हरी सब्जियों में केमिकल घोल छिड़का जाता है। जिसे शहर और कस्बों के बाजार में धड़ल्ले से बेचा जाता है। सब्जियों को समय से पहले पकाने के लिए ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन से लौकी, कद्दू और अन्य सब्जियां तैयार कर बाजार में धड़ल्ले से बेची जा रही है। ये सब्जियां सेहत के लिए घातक साबित हो रही हैं। इन दिनों शहर से लेकर कस्बा तक बाजार में सेहत बिगड़ने वाली सब्जियों का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। इंजेक्शन से समय से पहले तैयार सब्जियां खाने से लोग बीमारी की चपेट में भी आ रहे हैं। सब्जियों को समय से पहले पकाने के लिए ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। विशेष कर यह उन सब्जियों में लगाया जाता है जो साइज में बड़ी दिखती है जैसे लौकी, कद्दू, बैंगन, गिलकी, तोरई, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों में इसे लगाकर समय से पहले पकाया जाता है। अन्य हरी सब्जियों में इस इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इस तरह की सब्जियों को खाने से शरीर को गंभीर बीमारियों की समस्या होती है जैसे कि हाथ पैरों में सूजन आना, पेट और छाती में जलन होना, पीलिया हो जाने और ध्यान नहीं देने पर कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बना रहता है।