अब यहां के फालतु टीचरों को दूसरे स्कूलों में भेजा
उज्जैन। उज्जैन सहित जिले भर में ऐसे 15 सरकारी स्कूल है जहां एक भी बच्चे नहीं है अर्थात नवीन शैक्षणिक सत्र में एक भी एडमिशन नहीं हुआ है और अब ऐसे स्कूलों में फालतु रहने वाले टीचरों को अन्य स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेजने के आदेश जारी हो गए है।
8 शिक्षकों अन्य स्कूलों में भेजा
चर्चा करते हुए एडीपीसी गिरीश तिवारी ने बताया कि ऐसे 18 शिक्षक है जिन्हें अन्य स्कूलों में पदस्थ किया जा रहा है। इनके आदेश जारी हो गए है। ये वे स्कूल है जहां शिक्षकों की कमी है और यदि ये 18 शिक्षक मिलते है तो कुछ हद तक शिक्षकों की कमी दूर हो सकेगी।
पांच सौ शिक्षकों की कमी अतिथि शिक्षक करेंगे पूरी
इधर उज्जैन शहर सहित जिले भर में संचालित सरकारी स्कूलों में करीब पांच सौ से ज्यादा नियमित शिक्षकों के पद रिक्त है। हालांकि अब इनकी कमी पूरी करने के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति होना है। जिले सहित प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के करीब 70 हजार से अधिक खाली पद हैं। इसके अलावा हाल में शिक्षकों के उच्च पद प्रभार व स्थानांतरण के कारण खाली पदों की संख्या और भी बढ़ गई है। इन खाली पदों पर अतिथि शिक्षक रखे जाएंगे। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ( ने आदेश जारी कर दिए गए हैं। अतिथि शिक्षकों की एक अगस्त से प्रक्रिया शुरू होगी। आठ अगस्त तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बता दें, कि 30 अप्रैल के बाद अतिथि शिक्षकों को स्कूल से कार्यमुक्त कर दिया गया था। स्कूलों में तीनों वर्गों के शिक्षकों के खाली पदों पर अतिथि शिक्षक रखे जाएंगे। डीपीआई ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि 30 जुलाई तक स्कूलों में रिक्त पदों की सूची को प्रदर्शित करें। डीपीआई ने निर्देशित किया है कि पिछले सत्र 2023-24 में स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को पहले जॉइनिंग की सुविधा दी जाएगी। इसके बाद शेष रिक्त पदों पर स्कोर कार्ड के आधार पर मेरिट क्रम में स्कूल विकल्प चयन के बाद नए अतिथि शिक्षक रखे जाएंगे। इनके मानदेय का भुगतान हर महीने के सात तारीख को कर दिया जाएगा। स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को रखने के लिए रिक्तियों को जीएफएमएस पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा। पोर्टल पर प्रदर्शित रिक्ति के अलावा अतिथि शिक्षक स्कूल में नहीं रखा जाएगा। अतिथि शिक्षकों को सात अगस्त तक जॉइनिंग करनी होगी। शिक्षक निर्धारित समय अवधि तक उपस्थित नहीं होंगे तो उनकी ज्वाइनिंग अपने आप निरस्त हो जाएगी। इसके बाद आवेदक को शेष रिक्तियों के लिए होने वाली नई प्रक्रिया में भाग लेना होगा।