मध्य प्रदेश में सामान्य वर्षा का कोटा पूरा

भोपाल। मानसून सीजन में इस बार मध्य प्रदेश की तरफ सिर्फ 2 मौसम प्रणालियां ही आईं। इनमें से एक कम दबाव का क्षेत्र प्रदेश की सीमा पर आकर समाप्त हो गया था।
21 जुलाई को पूर्वी मध्य प्रदेश में पहुंचे कम दबाव के क्षेत्र के असर से प्रदेश के पूर्वी एवं उत्तरी क्षेत्र में झमाझम वर्षा का सिलसिला शुरू हुआ।

यह चक्रवात आगे बढ़कर उत्तरी मध्य प्रदेश तक पहुंचा। उसके बाद 23 जुलाई को कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़कर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बनकर झारखंड की तरफ चला गया, लेकिन इस अवधि में ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में भारी वर्षा हुई, जिसके चलते 24 जुलाई को मात्र चार दिन में मध्य प्रदेश में सामान्य वर्षा का कोटा पूरा हो गया। पूर्वी  इस दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश भी अल्पवर्षा से पूरी तरह उबर गया। 26 जुलाई की सुबह साढ़े 8 बजे तक इस सीजन में मध्य प्रदेश में में सामान्य से एक प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से सिर्फ एक प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जबिक पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से चार प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला भी बना हुआ है।