सिंहस्थ के लिए सड़कों का बिछेगा जाल

उज्जैन। सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र के सहयोग से सड़कों का व्यापक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। नए मार्ग और रोड के जाल से कई बड़े शहरों के लिए सीधा संपर्क तो होने वाला है,उज्जैन शहर में प्रवेश की आवश्यकता भी नहीं पडऩे वाली है।
चार साल बाद होने वाले सिंहस्थ के लिए उज्जैन को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ा जा रहा है, ताकि श्रद्धालु सुगमता से यहां पहुंच सकें। इसी कड़ी में मालवा क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाले दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से इंदौर, उज्जैन को भी जोड़ा जा रहा है। देवास, उज्जैन और गरोठ के बीच नया फोर लेन रोड बनाकर इंदौर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ा जा रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से उज्जैन के ट्रैफिक को जोडऩे के लिए उज्जैन से गरोठ तक फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लागत करीब 2000 करोड़ रुपए हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है। यह फोरलेन करीब 136 किमी लंबा है। इसमें ग्राम सुरासा के समीप आगर रोड को क्रास कर ब्रिज का निर्माण हो रहा है। आगर रोड के आरडी-गार्डी मेडिकल कॉलेज के पीछे से शुरू होने वाला यह फोरलेन घट्टिया से 8 किमी दूर और घोंसला से 10 किमी होते हुए करीब 112 गांवों के बीच से होकर गुजरता हुआ गरोठ पहुंचेगा। आगे चलकर यह मार्ग कॉरिडोर से जुड़ेगा। यानि इससे राजस्थान के अलावा दिल्ली-मुंबई भी पहुंचा जा सकेगा। उज्जैन से गरोठ फोरलेन की कनेक्टिविटी देवास-बदनावर योजना में शिप्रा-देवास-उज्जैन तक के 41 किमी फोरलेन पर होगी। इस फोरलेन की कनेक्टिविटी इंदौर रोड से है। इंदौर रोड का सिक्सलेन प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर किया जाएगा।