रूक-रूक कर जारी है बारिश का दौर,नदी-नालों में बहाव बढा उज्जैन तरबतर, 7 तहसीलों में हुई बारिश -गंभीर डेम की हालत गंभीर मात्र 407 एमसीएफटी पानी है डेम में,डेम क्षेत्र के इंदौर के गांवों में बारिश का दौर कमजोर,यशवंत सागर के भी अभी गेट खुलने की संभावना नहीं
दैनिक अवंतिका
उज्जैन। शुक्रवार से रूक रूक कर हो रही बारिश का दौर शनिवार को जारी रहा। कभी तेज तो कभी रूक –रूक कर हो रही हल्की बारिश से मौसम में पुरी तरह से ठंडक घोल दी है। बारिश का यह दौर जिले की 7 तहसीलों में देखा जा रहा है। बारिश से जिला तरबतर हो गया है। नदी –नालों में बारिश से बहाव बढ गया है। शुक्रवार से ही बारिश का क्रम एक सा शुरू हुआ है। रात को भी बारिश हुई है। उसके बाद शनिवार सुबह और दिन में भी बारिश रूक-रूक कर होती रही। इस दौरान सडकों,गली , मोहल्लों में किचड की हालत पसर गई।छोटे-छोटे पोखर नुमा गड्डों में पानी भर गया। बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में पानी भरने की परंपरागत समस्या से भी लोगों को जुझना पडा है। जिले की 7 तहसीलों में वर्षा- पिछले चौबीस घंटे के दौरान 27 जुलाई की प्रात: तक जिले की सात तहसीलों में वर्षा हुई है। इस दौरान उज्जैन तहसील में 18, घट्टिया में 5, खाचरौद में 21, नागदा में 4.2, बड़नगर में 01, महिदपुर में 02, झार्डा मे 14, तराना में 07, माकड़ोन में 11 मिमी वर्षा हुई है। इस प्रकार पिछले चौबीस घंटे के दौरान जिले में औसत 06.5 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। 301 मिमी औसत वर्षा- अभी तक जिले में इस वर्षा मानसून सत्र के प्रारम्भ से अब तक औसत 301 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। गत वर्ष इसी अवधि में जिले में औसत 492.04 मिमी वर्षा हुई थी।कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक उज्जैन तहसील में 271 मिमी, घट्टिया में 260, खाचरौद में 209, नागदा में 376.7, बड़नगर में 300, महिदपुर में 238, झारड़ा में 330.2, तराना में 326.9 और माकड़ोन तहसील में 397 मिमी वर्षा हो चुकी है। गत वर्ष इसी अवधि में उज्जैन तहसील में 505 मिमी, घट्टिया में 323.5, खाचरौद में 490, नागदा में 657, बड़नगर में 398, महिदपुर में 449, झारड़ा में 558, तराना में 663.1 और माकड़ोन तहसील में 388 मिमी वर्षा हुई थी।शहर में 302 मिमी वर्षा दर्ज-शासकीय जीवाजी वेधशाला के मुताबिक शुक्रवार –शनिवार दरमियानी रात को शहर में कुल0.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके विरूद्ध शनिवार अपरांह में दिन भर की 18 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है। इस प्रकार कुल 302 मिली मीटर बारिश इस मानसून सत्र के दौरान शहर में दर्ज की जा चुकी है। बारिश से न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम तापमान26 डिग्री दर्ज किया गया है।बढेंगे सबजी के दाम-किसानों के अनुसार खेतों में हरी सब्जी की आवक की स्थिति बन गई है। बारिश के कारण धनिया,मैथी,पालक जैसी सब्जियों पर असर होगा, खेतों में ही गलने की स्थिति बनेगी ऐसे मेंआवक कमजोर होने से इनके दाम बढ सकते हैं। इसके साथ ही टमाटर एवं अन्य सब्जियों के दाम में भी वृद्धि होगी। यह वृदि्ध आंशिक होगी जो मौसम के खुलने के एक दो दिन में ही गिरावट पर आएगी।सोयाबीन में राहत-सोयाबीन की 95 वैरायटी में अब फूल की स्थिति बनने लगी है। कीटनाशक के छिडकाव के बाद वर्षा से फसल को विटामीन सा मिला है। ऐसे में फसल को किटनाशक के प्रकोप से राहत मिली है। जमीन में भी पानी होने से पौधे को बढवार मिलने में कोई दिक्कत नहीं रहेगी। पौधों में भरपुर फूल की संभावनाएं बढ गई है और फूल से फली की स्थिति भी बेहतर होगी।नगर निगम कंट्रोल रूम में 2 शिकायतें-नगर निगम कंट्रोल रूम में शुक्रवार शाम से शनिवार शाम तक मात्र दो शिकायतें दर्ज की गई हैं। कंट्रोल रूम प्रभारी के अनुसार अस्पताल के पीछे वार्ड 25 में कुशलपुरा निवासी उदयसिंह चौहान ने शिकायत करते हुए बताया था कि अस्पताल के निर्माण के लिए खोदे गए गड्डों में पुरी तरह से पानी भर चुका है और वे उफन रहे हैं जिससे आसपास के क्षेत्र में पानी भर रहा है। यहां मार्च से निर्माण कार्य बंद है। इन गड्डों को बंद किया जाए। इसी तरह से वार्ड 45 महापौर निवास रोड के निवासी प्रतीक यादव ने शिकायत करते हुए घर के सामने पानी भरने की शिकायत की थी। यहां सडक पर बडे गड्उे के कारण यह स्थिति बनी थी। सफाई कर्मियों ने यहां पानी का रास्ता बनाकर उसे नाले की और कर दिया है। सडक पर चुरी और गिट्टी के लिए जोन की यांत्रिकी शाखा काम देखेगी।गंभीर डेम की हालत पानी से गंभीर-बारिश के इस दौर में गंभीर डेम की हालत गंभीर बनी हुई है। डेम में शनिवार सुबह मात्र 407 एमसीएफटी पानी ही दर्ज किया गया है। गंभीर डेम में मूल आवक इंदौर जिले के गौतमपुरा,देपालपुर आदि क्षेत्र से होती है। इन ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश की स्थिति अभी ऐसी नहीं बनी है कि वहां के नाले और छोटी नदियों में बहाव बढे। इसी तरह से यशवंत सागर में भी अभी पानी की आवक बनी हुई है। वहां भी डेम खाली पडा है ऐसे में वहां से भी पानी छोडने जैसे हालात नहीं है। इसके चलते छुट-पुट आवक से ही गंभीर डेम का काम चल रहा है।