सरकार को भेजी गई रिपोर्ट…..उज्जैन संभाग में ब्रिजों की स्थिति खराब
उज्जैन। बीते विधानसभा सत्र के दौरान भेजी गई रिपोर्ट में उज्जैन संभाग में ब्रिजों की स्थिति खराब बताई गई है। ये रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी के ब्रिज जोन की तरफ से भेजी गई है। बता दें कि फ्रीगंज ओवरब्रिज के बारे में कई बार यह सामने आ चुका है कि इसकी क्षमता अब बहुत कम हो गई है और यही कारण है कि शहर में न केवल नये ब्रिज बने है वहीं फ्रीगंज ब्रिज के पैरेलल ब्रिज भी बनाने के दावे कई बार सामने आ चुके है।
उज्जैन भी शामिल है इसमें
अगर मप्र की बात करें तो कई पुल आज इस स्थिति में हैं कि वे कभी भी दरक सकते हैं। उम्रदराज हो चुके पुलों से आज भी हजारों वाहन रोज निकल रहे हैं। मप्र में लोक निर्माण विभाग के कुल 80 ब्रिजों को मरम्मत की जरूरत है। हादसों की आशंका के मद्देनजर अब इन्हें तत्काल सुधार की श्रेणी में रखा गया है। उज्जैन भी इसमें शामिल है । आश्चर्य की बात तो यह है कि इसमें 65 पुल ऐसे हैं जो 68 साल पुराने हैं। इसका निर्माण साल 1956 से 1961 के बीच किया गया था। करीब 50 पुल तो ऐसे हैं कि जो कभी भी दरक सकते हैं। हालांकि चीफ इंजीनियर ब्रिज जीपी वर्मा का कहना है कि विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी पुलों की निगरानी की जा रही है। जरूरत के अनुसार मरम्मत कराया जा रहा है। कुछ साल पहले बारिश से क्षतिग्रस्त हुए पुलों का पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। गौरतलब है कि करीब चार साल पहले बारिश के दौरान मप्र में 9 बड़े पुल टूटे थे, लेकिन चार साल बाद भी वे अधूरे हैं। वहीं 50 पुलों पर खतरे के बीच ट्रैफिक चल रहा है। अभी कई नदी-नाले उफान पर होने से कई पुलों से आवागमन प्रभावित है।