लाडली बहना आवास योजना का प्रारूप तय नहीं

भोपाल । मप्र में लाडली बहना योजना के दम पर सत्ता में आई भाजपा सरकार अब बहनों को मकान देने की योजना पर काम रही है। लाड़ली बहना योजना की अपार सफलता को देखते हुए लाड़ली बहना आवास के लिए 63 लाख से अधिक आवेदन आ गए हैं। लेकिन विडंबना यह है कि सरकार ने अभी तक लाडली बहना आवास योजना का प्रारूप तक तय नहीं किया है। सूत्रों का कहना है कि लाड़ली बहनों को आवास के लिए अधिकतम 1 लाख 20 हजार रुपए देने का प्रावधान किया जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी यही राशि निर्धारित है। शौचालय का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन से करवाया जाएगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल से जल का प्रावधान रखा जाएगा तो अन्य सुविधाएं पंचायतें जुटाएंगी।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने महिलाओं को पक्ष में करने के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना की घोषणा की गई थी। सभी का सपना होता है कि उसका अपना आवास हो। इस योजना में 63 लाख से अधिक आवेदन किए गए हैं। इसका लाभ भी चुनाव में भाजपा को मिला और प्रचंड जीत मिली। बजट में योजना की घोषणा भी हो गई, लेकिन अभी तक योजना का प्रारूप ही तय नहीं हुआ है। दरअसल, सरकार यह रास्ता निकालने में जुटी है कि प्रदेश के खजाने पर कम से कम वित्तीय भार आए। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण और शहरी के नए दिशा-निर्देशों की प्रतीक्षा की जा रही है। प्रयास यह है कि अधिकतर आवासहीन प्रधानमंत्री आवास और जनमन योजना में आ जाएं ताकि प्रदेश को कम से कम आवास बनाने के लिए अपने वित्तीय संसाधन लगाने पड़ें। उधर, सरकार अगर इस घोषणा पर अमल करती है , तो उसके अलग से इसके लिए आर्थिक संसाधन जुटाने होंगे। इसके लिए पूरी तरह से कर्ज पर निर्भरतता बढ़ जाएगी। यही वजह है कि प्राप्त आवेदनों पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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