दो आश्रमों में डकैती डालने वाले पुलिस के हत्थे चढ़े

इंदौर। बाणगंगा और ग्रामीण के सांवेर थाना क्षेत्र के दो आश्रमों में डकैती डालने वाले गिरोह के बदमाश पुलिस और राहगीरों को शंका न हो इसके लिए परिवार व बच्चों को साथ रख पहले मैदानों में डेरा डालते थे। फिर पत्नी व बच्चों के साथ पैदल या साइकिल से सुनसान इलाकों में स्थित मंदिर, आश्रम और घरों की रैकी कर परिवार की महिलाओं और बच्चों को घटनास्थल से दूर बैठाकर वारदात करते थे। फिलहाल पकड़ाए दोनों आरोपी बुधवार तक सांवेर पुलिस के रिमांड पर हैं। इसके बाद बाणगंगा पुलिस भी उन्हें रिमांड पर लेगी। वहीं अन्य फरार डकैतों की तलाश की जा रही है।

सांवेर टीआई कमलसिंह गेहलोत के मुताबिक आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि उनके गिरोह में सात बदमाश और उनका परिवार है। इनमें महिला और बच्चे शामिल होने की जानकारी मिली है। हालांकि वारदात गिरोह के पुरुष ही करते थे। रैकी के बाद वारदात को अंजाम देकर वारदात स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर बैठे परिवार की महिलाओं और बच्चों को लेकर फरार हो जाते थे। भागने के लिए साथ में लाई गई साइकिल और लोडिंग रूपी बाइक का उपयोग करते थे। पुलिस ने आरोपी मो. गुलाम और साहिल पिता मुजार हुसैन निवासी मुरादाबाद से महंत के कान से बेरहमीपूर्वक खींची गई बालियां बरामद कर ली हैं। आरोपियों ने नकदी खर्च हो जाने की बात कही। दोनों आरोपी इतने शातिर हैं कि सख्ती से पूछताछ के बाद भी अभी तक अपने अन्य साथियों के नाम नहीं उगले। बाणगंगा टीआई लोकेश भदौरिया के अनुसार क्षेत्र के अलवासा स्थित वैष्णव आश्रम में घुसकर महंत कमलराम को लूटने वाले गिरोह के पकड़ाए दोनों बदमाश फिलहाल बुधवार तक सांवेर पुलिस के रिमांड पर हैं। इसके बाद उन्हें बाणगंगा पुलिस द्वारा भी रिमांड पर लेकर पूछताछ और रिकवरी की जाएगी। गिरोह के अन्य बदमाशों की तलाश में अलग-अलग टीमें जुटी हैं। पूछताछ में आरोपियों ने यह भी बताया कि सभी एक ही परिवार के हैं, जो मुरादाबाद स्थित अपने घर से निकलने के बाद जगह-जगह डेरा डालते थे। डकैती के लिए ये अधिकतर मंदिर, आश्रम और सुनसान इलाके के घरों को ही निशाना बनाते थे। एक डगह वारदात को अंजाम देने के बाद आगे बढ़ जाते थे। इंदौर में भी पहले बाणगंगा क्षेत्र में डेरा डालकर वहां वैष्णव आश्रम में महंत कमलराम के साथ पेड़ की टहनियों से मारपीट कर हजारों रुपए और जेवरात लूटे, फिर सांवेर तरफ बढ़े, जहां नागपुर गांव स्थित आश्रम में डकैती डालकर महंत अमृतगिरि पर डंडे से हमला कर बेरहमीपूर्वक उनके कानों में पहनी बालियां खींचकर भागे। उसके बाद उज्जैन के ग्रामीण इलाकों में डेरा डालते हुए जावरा और रतलाम की तरफ बढ़ते रहे। खास बात यह कि सांवेर पुलिस के हत्थे चढ़ते ही भेड़ागढ़ पुलिस भी सांवेर थाने पहुंची, जहां खुलासा हुआ कि आरोपियों ने भेड़ागढ़ क्षेत्र में भी दो-तीन जगह ऐसी ही वारदातें की हैं।