महाकाल मंदिर- 5 दिन में भक्त घर ले गए सवा करोड़ का लड्डू प्रसाद श्रावण मास की शुरुआत में ही भक्तों ने प्रसादी का रिकॉर्ड बना दिया
दैनिक अवन्तिका
उज्जैन। वैसे तो महाकाल मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन श्रावण में श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच जाती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। अभी श्रावण शुरू हुए 5 दिन ही हुए हैं और श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच गई । देखा जाए तो हर अवसर पर बाबा महाकाल के दरबार में एक नया रिकॉर्ड बनता है जो कि इस बार भी देखने को मिला। दरअसल श्रावण मास की शुरुआत के साथ भक्तों ने प्रसादी का रिकॉर्ड बना दिया। इस बार श्रावण महीना शुरू होने के पांच दिन में ही 1 करोड़ 22 लाख से अधिक राशि के लड्डू प्रसाद बिक गया। मंदिर समिति श्रावण-भादो महिने के दौरान विशेष पर्व, त्यौहार पर श्रद्धालुओं को प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए प्रसाद काउंटर भी बढ़ा रही है।
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर मैं देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं लेकिन महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना इजाफा हो गया है। वहीं श्रावण मास के दौरान भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे है। मंदिर आने वाले भक्त भगवान महाकाल का शुद्ध बेसन व घी से निर्मित लड्डू प्रसाद पसंद करते है। इस बार श्रावण महिना शुरू होने के पांच दिनों में ही 216 क्विंटल लडडू प्रसाद की बिक्री हो चुकी है। प्रसाद बिक्री से मंदिर समिति को 1 करोड़ 22 लाख 1 हजार 200 रूपए की आय प्राप्त हुई है। मंदिर समिति ने श्रावण-भादो मास के अलावा विशेष पर्व और त्यौहार को देखते हुए लडडू प्रसाद ज्यादा बनाने का काम शुरू कर दिया है। श्रद्धालुओं की संख्या बढने से प्रसाद की डिमांड भी बढने लगती है। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक व लडडू प्रसाद निर्माण इकाई के प्रभारी डॉ. पीयूष त्रिपाठी ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मन्दिर के लड्डू प्रसाद को बहुत पसंद करते हैं मंदिर समिति का उद्देश्य है कि आने वाले दर्शनार्थियों को लाभ रहित प्रसाद उपलब्ध करवाना है। प्रसाद निर्माण की प्रक्रिया वैज्ञानिक होकर आईएफएस के मानकों को पूर्ण करता है। इसीलिए यहां के प्रसाद को राष्ट्रीय स्तर पर ‘सेफ भोग का अवार्ड प्राप्त है। जिस परिसर में प्रसाद का निर्माण होता है वहां शुद्धता, स्वच्छता एवं पवित्रता का विशेष ध्यान रखते हुए प्रसाद निर्माण किया जाता है।
श्रावण में रोजाना लड्डू की खपत 40 से 60 क्विंटल तक होती है
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि श्रावण मास के दिनों में लड्डू प्रसाद की खपत 40 से 45 क्विंटल तक होता है। वहीं शनिवार से सोमवार तक तीन दिन अधिक भीड़ होने के कारण 55 से 60 क्विंटल तक प्रसाद निर्माण एक दिन में होता है। इसके अलावा विशेष पर्व के दौरान स्टॉक मेंटेन करते हैं ताकि किसी प्रकार से भी श्रद्धालुओं को प्रसाद की सुविधा से वंचित नही होना पड़े। अभी प्रसाद का मूल्य 400 रूपए में 1 किलो, 200 रूपए में 500 ग्राम, 100 रूपए में 200 ग्राम और 50 रूपए में 100 ग्राम का पैकेट दिया जाता है।
पिछले श्रावण में 15 करोड़ से अधिक के लड्डू बिके थे
पिछले वर्ष महाकाल मंदिर में श्रावण-भादो के दौरान ही अधिक मास होने से श्रद्धालुओं की संख्या करीब एक करोड़ तक पहुंच गई थी। इस दौरान करीब 3126 क्विंटल लड्डू प्रसाद का विक्रय हुआ था, जिससे मंदिर समिति को 15 करोड़ 15 लाख 150 रुपए की आय प्राप्त हुई थी। श्रावण के अलावा त्यौहारों के दौरान भी लड्डू प्रसाद की मांग बढ़ जाती है। सहायक प्रशासक त्रिपाठी का कहना है कि श्रावण माह में ही 9 अगस्त नागमंचमी पर्व के अवसर पर अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। इसके लिए मंदिर समिति द्वारा प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए मंदिर परिसर व बाहर 15 से 20 काउंटर संचालित किए जाएंगे। मंदिर समिति द्वारा वर्तमान में मंदिर परिसर में ही 7 काउंटर से प्रसाद का विक्रय किया जाता है।