मध्यप्रदेश, देश का हृदय स्थल होने के साथ ही अपनी विशेष उपलब्धियों के लिए भी जाना जाता है और टाइगर स्टेट इन्हीं में से एक है। मप्र में इस समय 785 टाइगर्स मौजूद हैं और वन क्षेत्र की शोभा बढ़ा रहे हैं। यही कारण भी है कि यहां पयर्टकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
स्वच्छ पर्यावरण और सघन वन, बाघों के लिए अनुकूल वातावरण निर्मित करते हैं। बाघों के संरक्षण से पारिस्थितिकी तंत्र या कहें कि पूरे जंगल का संरक्षण होता है। मध्यप्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
बाघों की प्रसिद्धी दूर दूर तक
मध्यप्रदेश के बाघों की प्रसिद्धी दूर दूर तक रही है, इसमें सबसे खास रहा है कान्हा रिजर्व का मुन्ना, यह अपनी सुंदरता के साथ माथे पर बने बर्थ मार्क के कारण चर्चा में रहा है। मुन्ना के माथे पर प्राकृतिक रूप से कैट और पीएम लिखा हुआ था, जिसके चलते मुन्ना की दुनिया भर में अलग पहचान थी। वहीं पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन जिसे कॉलरवाली बाघिन के नाम से पहचान मिली थी, यह नाम रेडियो कॉलर लगाने के कारण दिया। इसे मृत्यु उपरांत सुपर मॉम नाम दिया गया था। इस बाघिन ने सबसे ज्यादा 29 बाघों को जन्म दिया जो कि अपने आप में रिकॉर्ड है। इसी तरह से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बाघ चार्जर और बाघिन सीता पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे। सीता अलग-अलग तरह के पोज देती तो चार्जर पयर्टकों की गाड़ियों को देखकर दहाड़ता और अपनी ओर आकर्षित करता। इसके अलावा बामेरा अपने अलग अंदाज, कद-काठी के लिए जाना जाता। पन्ना टाइगर रिजर्व की प्रसिद्ध बाघिन टी1 को सफल शिकारी होने के साथ नेशनल पार्क से रिजर्व में पुन: स्थापित होने वाली पहली बाघिन मानी जाती है। इस तरह से प्रदेश के बाघों ने विशेषताओं के चलते देशभर में अपनी पहचान स्थापित की है।
प्रदेशवासियों को बधाई दी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यह हमारा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश सर्वाधिक बाघ वाला प्रदेश है। प्रदेश में बाघों की आबादी बढ़कर 785 पहुँच गई है। यह प्रदेश के लिये गर्व की बात है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा का कार्य अत्यंत मेहनत और परिश्रम का है। समुदाय के सहयोग के बिना वन्य प्राणियों की सुरक्षा संभव नहीं है। वन विभाग और वन्य प्राणियों की सुरक्षा में लगे सभी लोग बधाई के पात्र हैं, जिनके कारण मध्यप्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर जंगलों में बाघों के भविष्य को सुरक्षित करने और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लेने का आहवान किया है।