’हवा’ हुई मोहन सरकार की ये खास योजनाएं….

उज्जैन। सूबे की डॉ. मोहन यादव सरकार ने भले ही राम वन गमन पथ के साथ ही महाकाल मंदिर विकास सहित अन्य कई योजनाओं को पूरा करने का ऐलान किया हो लेकिन बताया गया है कि  फिलहाल इन योजनाओं सहित कुल सवा सौ योजनाओं के बजट पर सरकार ने ब्रेक लगा दिया है। इसके पीछे सरकार पर कर्ज का बोझ होना है।

कर्ज का बोझ
भोपाल सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश की सरकार पर कर्जा इतना अधिक है कि नई योजनाओं को शुरू करने में सूबे के सीएम डॉ. यादव को फूंक-फूंक कर कदम उठाना पड रहा है। पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद बनी नई सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला था। मप्र सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 42,500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इसमें से नई मोहन यादव सरकार ने मार्च तक केवल तीन महीनों में 17,500 करोड़ रुपए लोन में लिए थे।

’जेट’ जरूरी..बाकी इतना जरूरी नहीं

बताया गया है कि मोहन सरकार ने बजट पेश करने के एक सप्ताह बाद सरकार के लिए जेट विमान की खरीदी के प्रस्ताव को मंजूरी जरूर दी थी लेकिन इसके बाद न तो राम वन गमन पथ, मंत्रियों के बंगलों का नवीनीकरण और न ही तीर्थ यात्रा योजनाओं पर धन खर्च किया जा सकेगा। कुल मिलाकर  सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को ‘फंड-होल्ड’ सूची में डाली गई परियोजनाओं के मामले में सबसे बड़ी मार पड़ी है। इसके बाद शहरी विकास और आवास विभाग, किसान कल्याण और कृषि विकास का स्थान है। वित्त विभाग की ओर से 23 जुलाई को जारी निर्देश के मुताबिक लोक स्वास्थ्य और किसान कल्याण से जुड़ी योजनाओं की भी राशि बिना मंजूरी के नहीं निकाली जा सकेगी।

Author: Dainik Awantika