नियुक्ति की राह देख रहे नेताओं की जल्द लगेगी लॉटरी, हाईकमान ने दी हरी झंडी…उज्जैन में भी नामों की चर्चा
उज्जैन। निगम मंडलों में जल्द ही नियुक्तियां होने वाली है। इसके लिए बीजेपी हाईकमान ने अपनी ओर से हरी झंडी दे दी है। कुल मिलाकर नियुक्ति की राह देखने वाले बीजेपी नेताओं की जल्द ही लॉटरी लगने वाली है। इधर उज्जैन में भी नामों की चर्चा होना शुरू हो गई है। गौरतलब है कि कांग्रेस के ऐसे नेता भी है जो अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। ऐसे नेताओं को उम्मीद है कि सत्ता संगठन उन्हें कहीं न कहीं एडजस्ट अवश्य ही करेगा।
भारती से लेकर चुन्नू भैया..और भी नाम
बताया गया है कि विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष पद के साथ ही संचालक पद पर कायम होने के लिए राजेन्द्र भारती से लेकर चुन्नू भैया अर्थात योगेश शर्मा जोर आजमाईश कर रहे है। राजेन्द्र भारती का नाम इसलिए प्रमुख रूप से सामने आ रहा है क्योंकि वे महाराज अर्थात ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास माने जाते है जबकि चुन्नु भैया भी विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त पर कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे और वे भी कहीं न कहीं पद पाने के लिए प्रयास कर रहे है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद से निगम मंडलों में अपनी ताजपोशी का इंतजार कर रहे नेताओं की उम्मीद जल्द पूरी हो सकती है। पार्टी हाईकमान ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। निगम-मंडलों में उन सीनियर नेताओं की नियुक्ति की जाएगी जो पार्टी में लगातार समर्पित भाव से काम कर रहे हैं और उन्हें अब तक कोई बड़ा पद नहीं मिला है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या उसके अनुषांगिक संगठनों से जुड़े नेताओं को भी तरजीह दी जाएगी।
भाजपा ने इसके लिए संघ से भी दस नाम मांगे हैं। वहीं प्रदेश संगठन भी अपनी सूची तैयार कर रहा है। जिस पर मंथन किया जाएगा। बता दें कि मोहन कैबिनेट के गठन के बाद सभी निगम मंडलों को भंग कर दिया गया था। गौरतलब है कि भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में संगठन नेताओं ने इस बात के संकेत दिए थे कि जिन नेताओं ने चुनाव में अच्छा काम किया है और पार्टी के हर फैसले के साथ रहे हैं। पार्टी उनका पूरा ख्याल रखेगी। इसके बाद से ही निगम मंडलों में पदों पर नियुक्ति को लेकर हलचल शुरू हो गई थी। इनमें अधिकांश वे नेता शामिल हैं, जो विधानसभा चुनाव के समय किन्हीं कारणों से टिकट से वंचित कर दिए गए थे पर उन्होंने बगावती तेवर न अपनाते हुए पार्टी द्वारा तय प्रत्याशी के पक्ष में पूरे मन से काम किया। ऐसे वरिष्ठ नेता अब निगम-मंडलों एवं प्राधिकरणों में अपनी तैनाती चाहते हैं। निगम मंडल में नियुक्तियों को लेकर दावेदारों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। टिकट पाने से वंचित रह गए जिन नेताओं के नसीब में आश्वासन आए थे वे इन नियुक्तियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा संगठन और चुनाव के कामों में सालों से लगे नेताओं को भी अपने काम के इनाम का इंतजार है। इसके अलावा कांग्रेस से चार साल पहले और विधानसभा चुनाव के दौरान अपने समर्थकों के साथ आए नेताओं को भी अपने राजनीतिक पुनर्वास का इंतजार है।