रजत पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर , हाथी पर श्री मनमहेश स्वरूप के दर्शन

350 पुलिसकर्मी बैंड ने समा बांधा, जनजातिय लोकनृत्य भडम एवं करमा की प्रस्तुति हुई सवारी में

उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ में निकलने वाली सवारी के क्रम में सोमवार को दुसरी सवारी निकाली गई। भगवान ने रजत पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर एवं हाथी पर श्री मनमहेश स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए। सवारी में विशेष आकर्षण मध्यप्रदेश पुलिस के 350 कर्मियों का सुसज्जित बैंड रहा जिसने राष्ट्रीय एवं धार्मिक धून से समा बांध दिया। सवारी में जनजातिय लोकनृत्य भडम एवं करमा की प्रस्तुति जनजातिय कलाकारों ने दी है।

परंपरागत रूप से सवारी निकलने से पूर्व मंदिर के सभा मंडप में भगवान के श्री चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकासमंत्री प्रहलाद पटेल ने सपत्नीक पूजन अर्चन किया। इसके बाद भगवान को रजत पालकी में सवार कर पालकी को कांधा देते हुए सभी ने नगर भ्रमण के लिए प्रस्थित किया। पालकी के मंदिर के गेट पर आते ही सशस्त्र पुलिस गार्ड ने सलामी दी। इसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग पर निकाली गई। मार्ग के दोनों और खडे श्रद्धालुओं ने सवारी के सामने आते ही दोनों हाथ उपर उठाकर जय श्री महाकाल का उद्घोष करते हुए भगवान के स्वरूपों के दर्शन किए। परंपरागत रूप से सवारी के शिप्रा तट रामघाट पहुंचने पर यहां भगवान का शिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया। सवारी मार्ग के साथ ही रामघाट पर भी पुलिस बैंड ने अपनी मोहक प्रस्तुतियां दी। सवारी में मंत्री श्री पटेल के साथ ही प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पैदल ही शामिल हुए। यहां से सवारी अपने परंपरागत मार्ग से होती हुई सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पहुंची यहां परंपरागत पूजन के उपरांत सवारी पटनी बाजार होते हुए देर शाम को मंदिर लौट गई।