कल कामिका एकादशी का व्रत…सावन माह में बढ़ा महत्व
उज्जैन। कल 31 जुलाई को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार सावन माह में इस व्रत का ओर भी महत्व बढ़ गया है। ज्योतिषियांे का यह
कहना है कि एकादशी व्रत करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में सावन माह में पड़ने वाली एकादशी का बहुत महत्व माना जाता है। हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस साल कामिका एकादशी का व्रत 31 जुलाई, बुधवार को रखा जाएगा। सावन माह में पड़ने के कारण कामिका एकादशी और भी महत्वपूर्ण हो गई है। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी माता, भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पंचांग के अनुसार, कामिका एकादशी 30 जुलाई को शाम 4:44 पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 31 जुलाई को 3:55 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस साल कामिका एकादशी का व्रत बुधवार 31 जुलाई को रखा जाएगा। कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु को भोग लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें तुलसी दल जरूर शामिल करें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होकर अपनी कृपा भक्तों पर बरसाते हैं। एकादशी के एक दिन पहले ही तुलसी तोड़ कर रख लें। कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु के उपेंद्र स्वरूप की पूजा होती है। भगवान विष्णु इस समय योग निद्रा में हैं। ऐसे में कामिका एकादशी के दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है। एकादशी की रात दीपदान करना चाहिए।