इंदौर में विवि पचास साल का डाटा करेगा डिजिटलाइल्ड
इंदौर। इंदौर में देवी अहिल्या विवि अब डिजिटल तकनीक अपनाने जा रहा है और इसके चलते पचास साल का डाटा डिजिटलाइज्ड किया जाएगा। हालांकि इसके लिए कार्य परिषद की मंजूरी ली जाएगी।
कार्यपरिषद से मंजूरी मिलने के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही टेंडर निकालेगा। इसके बाद एजेंसी की तलाश शुरू होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने 1970 से 2020 के बीच पढ़ने वाले विद्यार्थियों की अंकसूची-डिग्री और अन्य दस्तावेज को डिजिटल प्रारूप में बदलने की तैयारी में लगा है। इन पचास सालों में विश्वविद्यालय से लाखों छात्र-छात्राएं पढ़कर निकल चुके है। अधिकारियों के मुताबिक डाटा डिजिटलाइज्ड करने के पीछे यह उद्देश्य है कि कितने विद्यार्थियों ने पढ़ाई पूरी की है और कितने छात्र-छात्राएं फेल व पढ़ाई छोड़ चुके हैं। 2018 से विश्वविद्यालय अपना पुराना डाटा डिजिटल करने की कवायद करने में लगा है। इसके लिए राजभवन ने प्रदेशभर की विश्वविद्यालय की समिति बनाई थी। कई साफ्टवेयर कंपनी ने प्रेजेंटेशन भी दिया था। 2020 में प्रक्रिया धीमी हो गई। बाद में उच्च शिक्षा विभाग ने एनईपी से विद्यार्थियों का डाटा डिजिटल करने के निर्देश दिए है। 2023-24 में विश्वविद्यालय ने स्नातक अंतिम वर्ष में पढ़ने वाले 80 हजार विद्यार्थियों से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन कर दी है। अब 1970 से 2020 में पढ़कर निकल चुके विद्यार्थियों का डाटा डिजिटल करने पर विचार-विमर्श किया गया है, जिसमें बीए, बीकाम, बीएससी, बीबीए, एमए, एमकाम, एमएससी सहित अन्य कोर्स शामिल हैं।