मोहन यादव अब सहकारी संस्थाओं के चुनाव के मामले में हुए सक्रिय
चौतरफा संघठन को मजबूत करने की तैयारी
इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव न केवल सरकार को प्रभावी बनाना चाहते हैं बल्कि वो भाजपा संगठन को भी ग्रासरूट लेवल पर और मजबूत करना चाहते हैं।
इसी संदर्भ में प्रदेश सरकार कोऑपरेटिव इलेक्शन की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि इलेक्शन के पहले मुख्यमंत्री चाहते हैं कि कोऑपरेटिव बैंक और क्रेडिट सोसाइटी में भाजपा नेताओं को प्रशासक के रूप में बैठाया जाए। दरअसल, प्रदेश सरकार 10 वर्ष बाद फिर सहकारी समितियों में आरक्षण की व्यवस्था में परिवर्तन करने जा रही है।
अब फिर एससी, एसटी और ओबीसी को प्रतिनिधित्व मिलेगा। वर्ष 2013 के पहले यही व्यवस्था लागू थी, लेकिन बाद में यह प्रावधान कर दिया गया था कि समिति के संचालक मंडल में तीनों आरक्षित वर्ग से केवल एक ही सदस्य रह सकता है।
इस व्यवस्था से प्रतिनिधित्व गड़बड़ा रहा था, इसलिए फिर से पुरानी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सहकारी अधिनियम 1960 की धारा 48 (3) में संशोधन किया जाएगा। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक प्रस्तुत होगा और यदि आवश्यकता हुई तो अध्यादेश के माध्यम से भी व्यवस्था को प्रभावी किया जा सकता है।