यातायात संभालने में नाकाम नीली-सफेद वर्दीधारी जवान
उज्जैन। महाकाल लोक बनने के बाद से शहर में बढ़ती वाहनों की संख्या से पल-पल मार्गो पर लगते जाम की स्थिति से निपटने में यातायात व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाले नीली-सफेद वर्दीधारी नाकाम दिखाई दे रहे है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु तो परेशान है, शहरवासियों को भी जाम का सामना करना पड़ रहा है। शहर की यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिये यातायात थाना बनाया गया है। जहां 2 डीएसपी स्तर के अधिकारियों के साथ एसआई, एएसआई के साथ नीली-सफेद वर्दीधारी जवानों मौजूद है। 2 साल पहले तक शहर की स्थित काफी समान्य थी और आवागमन करना सुगम बना हुआ था। 12 ज्योर्तिलिंगों में विश्व प्रसिद्ध दक्षिणमुखी महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण का प्रथम चरण पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाकाल लोक का लोकार्पण करने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन पहुंचे तो महाकाल की नगरी में विश्वभर से बाबा महाकाल के भक्तों का आगमन शुरू हो गया। 2 सालों में बाबा के भक्तों के साथ आवागमन के साधनों की संख्या ऐसी बढ़ी कि शहर का हर मार्ग वाहनों की लम्बी कतार से भरा दिखाई देने लगा। प्रशासन और पुलिस ने यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये यातायात पुलिस के साथ प्रयास शुरू किये, लेकिन यातायात पुलिस के नीली-सफेद वर्दीधारी जवान व्यवस्थाओं को संभालने में नाकाम दिखाई दे रहे है। चामुंडा माता चौराहा, देवासगेट, रेलवे स्टेशन, इंदौरगेट से हरिफाटक ब्रिज तक पल-पल जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। जिसकी सबसे बड़ी समस्या इस मार्ग पर बनी होटलों के पास पार्किंग व्यवस्था नहीं होना है। वहीं कई दुकानदारों ने अपना सामान दुकानों के बाहर रख रखा है। ई-रिक्शा और आटो वालों का तो जवाब ही नहीं है। इंदौरगेट से दौलतगंज जाने वाला मार्ग भी जाम की सबसे बड़ी वजह बना हुआ है। यह क्षेत्र व्यापारिक है, यहां दिनभर खरीददारी के लिये लोग पहुंचते है। जाम के दौरान यहां यातायात के जवान व्यवस्था को बनाने के लिये दिखाई नहीं देते है। दौलतगंज चौराहा पर जरूर देवासगेट, महाकाल थाना पुलिस के साथ कुछ यातायात के जवान पहुंचते है, लेकिन क्षेत्र की व्यवस्था को बेहतर बनाये रखने के सार्थक प्रयास नहीं हो पा रहे है।
जाम में फंसता मालीपुरा से दौलतगंज मार्ग
जाम के हालत में फंसा मालीपुरा से दौलतगंज मार्ग भी दिखाई दे रहा है। इस मार्ग पर 24 घंटे यातायात बना रहता है। यह मार्ग देवासगेट बस स्टेंड से सीधे महाकाल मंदिर जाता है। इस मार्ग के आसपास रहवासी क्षेत्र भी है। आवागमन बढ़ने से रहवासियों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग पर यातायात के जवान पहुंचते ही नहीं है। शहर में बड़ा धार्मिक आयोजन या फिर इस मार्ग से निकलने वाले जुलूस-जलसों के दौरान यातायात पुलिस पहुंचती है और सड़क मार्ग पर लगने वाली दुकानों को हटाती है, लेकिन यह व्यवस्था तब तक रहती है, जब तक यहां से जुलूस गुजर ना जाये।
गदापुलिया पर पलक झपकते जाम
जाम के हालतों में गदापुलिया भी शामिल है। इस क्षेत्र में इंदौररोड से आने वाले श्रद्धालु के वाहन हरिफाटक ब्रिज पर मंदिर की ओर जाने वाले बंद होने पर गूगल मेप से मंदिर का रास्ता तलाश करते हुए यहां तक पहुंचते है। पुलिया के नीचे से चार पहिया वाहन गुजर नहंी सकता है। जिसके चलते जाम लग जाता है। पुलिया की दूसरी ओर हरिफाटक ब्रिज का दूसरा सिरा है, जो रेलवे स्टेशन से आता है। यहां ई-रिक्शा और आटो के फंसने पर हालत काफी बिगड़ जाते है। घंटो तक पुलिस यहां नहीं पहुंचती है और वाहनों की कतार लंबी होने से जाम के हालात बढ़ते चले जाते है।
व्यवस्था ट्राफिक सिग्नल भरोसे
शहर में यातायाता व्यवस्था को ट्राफिक सिग्लनों के भरोसे छोड़ दिया गया है। वाहन चालक लाल-हरी बत्ती होने पर निकल रहे है। लेकिन सिग्नलों की टाईमिंग ऐसे ही कि एक बार में सभी वाहन गुजर नहीं पाते है और नियमों का उल्लंघन होता रहता है। पिछले कुछ दिनों से बारिश के चलते ट्राफिक सिंग्नलों की सांसे फूली हुई है। आगररोड पर गाड़ी अड्डा चौराहा पर लगा सिग्नल कभी चालू होता है तो कभी बंद हो जाता है। चामुंडा माता चौराहा पर भी ऐसी स्थिति निर्मित हो जाती है। यहां यातायात जवानों को देखा जा सकता है, लेकिन वह व्यवस्था संभालने की बजाय वाहनों को रोक चालान बनाते दिखाई देते है।