मोक्षदायिनी क्षिप्रा में आया उफान, आस्था के नहान पर प्रतिबंध
उज्जैन। चार दिनों से जारी बारिश के बाद मोक्षदायिनी क्षिप्रा उफान पर आ गई है। सोमवार रात से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने नहान पर प्रतिबंध लगा दिया था। मंगलवार दिनभर क्षिप्रा के रामघाट पर बने मंदिर पानी में डूबे रहे। बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात मानसून की झमाझम लेकर आया है। बाबा महाकाल की नगरी के साथ आसपास के जिलों में चार दिनों से बारिश हो रही है। सोमवार को बाबा महाकाल की दूसरी सवारी निकाली गई थी, जो रात 8 बजे जैसे ही मंदिर पहुंची इंद्रदेव की दस्तक हो गई। करीब 45 मिनट तक हुई तेज बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया। कुछ देर बाद ही मोक्षदायिनी क्षिप्रा का जलस्तर भी तेजी के साथ बढ़ता दिखाई दिया। मंगलवार सुबह रामघाट पर बने मंदिर पानी में डूबे दिखाई दिये। क्षिप्रा में जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन ने आस्था की डूबकी पर प्रतिबंध लगा दिया था। क्षिप्रा नदी के छोटे पुल से पानी ऊपर होने पर आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। मंगलवार दिनभर क्षिप्रा में उफान बना रहा। रामघाट चौकी प्रभारी जगदीश सोलंकी ने बताया कि होमगार्ड और एसडीईआरएफ की टीम सुरक्षा की दृष्टि से लगातार क्षिप्रा के घाटो पर पेट्रोलिंग कर रही है। श्रद्धालुओं का गहरे पानी में जाने से रोका जा रहा है। जलस्तर बढ़ने के बाद रामघाट के आसपास की बिजली व्यवस्था का बंद कर दिया गया है।
शाम 7 बजे बाद जलस्तर में आई कमी
मंगलवार शाम को 7 बजे बाद क्षिप्रा के जलस्तर में कमी आना शुरू हो गई थी। दिनभर डूबे रहे मंदिरों से पानी कम होने लगा था। रामघाट आरती द्वार पर भी पानी कम होता दिखाई दे रहा था, लेकिन छोटे पुल के ऊपर 2 फीट से अधिक पानी था। संभावना जताई जा रही थी कि अगर रात में बारिश नहीं हुई तो क्षिप्रा मूल स्वरूप में आ जायेगी। वैसे मौसम विभाग ने 2 दिन ओर तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है।