टैक्स और पैनल्टी वसूल कर वैध किया जाएगा अवैध मकानों को, जीआईएस सर्वे में बगैर अनुमति बनाए गए मकानों के आंकड़े सामने आए

उज्जैन। उज्जैन नगरीय निकाय क्षेत्र में बने अवैध मकानों को वैध किया जाएगा लेकिन इसके लिए जितने भी अनिवार्य टैक्स है इनके सहित पैनल्टी की वसूली भी की जाएगी। दरअसल पूरे प्रदेश के साथ ही उज्जैन में भी जीएसआई सर्वे कराया था और इस सर्वे में बगैर अनुमति बनाए गए मकानों के आंकड़े सामने आये है।

शहर में अवैध मकानों की भरमार

बता दें कि उज्जैन शहर में कई ऐसे कॉलोनियां काट दी गई है जिनकी पूर्णतया अनुमति नहीं है वहीं इन कॉलोनियों में अवैध रूप से मकान बनाकर लोगों को दे दिए गए है। भले ही कतिपया कॉलोनी नाइजरों ने लोगों को खुद का मकान होने के सब्जबाग दिखाए हो लेकिन मकान बेचने के बाद कॉलोनी नाइजर रफूचक्कर हो जाते है। अब ऐसे ही अवैध मकानों को वैध करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। नगरीय प्रशासन विभाग के माध्यम से टैक्स और पेनल्टी वसूली कर अवैध मकानों को वैध किया जाएगा।
मौके पर सत्यापन कर भवन मालिक को नोटिस पकड़ाएंगे

प्रदेश में 413 से अधिक नगरीय निकाय हैं।  निकायों में जीआईएस सर्वे से यह पता किया गया कि कितने भवन वैध है और कितने अवैध। बिना अनुमति अधिक निर्माण करने वाले मालिकों के भवन पर हथौड़ा भी चलाया जा सकता है।  नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग जीआईएस सर्वे डाटा को फिल्टर करेगी। इसके लिए एक लैब तैयार हो रही है। लैब में भवन अनुज्ञा की अनुमति, भवनों के नक्शे, और प्रापर्टी आईटी निकायवार अपलोड होगा। यह लैब डाटा का आकलन कर यह बताएगी कि कौन सा भवन कितने ज्यादा अवैध है। निकाय के अधिकारी मौके पर सत्यापन कर भवन मालिक को नोटिस पकड़ाएंगे। एक माह में टैक्स वसूली की जाएगी। भवन के भाड़ा मूल्य के आधार पर किया जाएगा। भाड़ा मूल्य कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार तय किया जाएगा। इसके अलावा भवन मालिक पर पेनल्टी भी लगाई जाएगी। भवन अनुज्ञा से तीन फीसदी से अधिक निर्माण को नियमित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा अनुमति से अधिक किए गए निर्माण को तोड़ा भी जा सकता है। नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को संपत्ति का जीआईएस सर्वे कराने को कहा था। इसके लिए मार्च 2019 तक की डेडलाइन तय की गई थी। नगरीय प्रशासन का दावा है कि सर्वे पूरा होने के बाद उसके रिकॉर्ड में दर्ज संपत्तियों की संख्या और बढ़ेगी। सर्वे में बहुत से भवनों में अनुज्ञा से ज्यादा निर्माण कार्य होना पाया गया है। सर्वे में यह भी निकलकर आया है कि बहुत से भवन बिना अनुमति के बनाए गए हैं। निकायों को इनसे वसूली और कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
क्या कहते है महापौर
उज्जैन में सर्वे का काम चल रहा है। लेकिन अभी यह नहीं बताया जा सकता है कि शहर में कितने अवैध मकान बने हुए है। सर्वे पूरा होने के बाद आंकड़े सामने आ जाएंगे। बारिश के बाद नोटिस दिए जाएंगे।
मुकेश टटवाल
महापौर, नगर निगम उज्जैन