नापतौल विभाग के अफसर कार्यालय में बैठकर कर रहे नौकरी

 

25,000 ऑटो रिक्शा के मीटर कभी नहीं होते डाउन

यात्रियों को आदत पड़ गई अब किराया ठहराने की, ट्रैफिक पुलिस भी नहीं देती ध्यान

इंदौर। इंदौर शहर में 25000 ऑटो रिक्शा चल रही है इनमें से कितने ऑटो रिक्शाओं के पास परमिट है इसका हिसाब भी आरटीओ ट्रैफिक पुलिस के पास नहीं है।
नापतौल विभाग के अफसर तो कार्यालय में बैठकर ही नौकरी कर रहे हैं उन्हें इन ऑटो रिक्शा से कोई लेना देना नहीं क्योंकि इन ऑटो रिक्शाओं के मीटर कभी डाउन ही नहीं होते हैं वह इसलिए की कोई भी ऑटो रिक्शा वाला मीटर से चलता ही नहीं है।
अब तो यात्रियों को एक आदत सी हो गई है कि जहां पर भी जाना है किराया ठहरा कर ही बैठ जाता है।
पास की दूरी का किराया 30 से 40 रु. से कम नहीं लिया जाता है अगर मीटर से बैठ जाए तो मात्र 20 रु. में ही पहुंचा जा सकता है लेकिन क्या करें जिम्मेदार अधिकारी यात्रियों को इस खुली लूट से बचा नहीं पा रहे हैं।

‘क्या कहते हैं ऑटो रिक्शा चालक’

यात्रियों के पूछने पर ऑटो रिक्शा वाले बोलते हैं… बेफिक्र रहो, मीटर जितना ही किराया लगेगा। यात्री इनके द्वारा बताए गए किराए से अपने स्थान पर चले जाते हैं क्योंकि यह मीटर से तो चलना नहीं चाहते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार —

विभाग समय-समय पर ऑटो रिक्शा के मीटर चेक करता रहता है। ऐसे ऑटो रिक्शा चालकों की शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी की जाती है।

केएस ठकुर, निरीक्षक नापतौल विभाग

Author: Dainik Awantika