खुसुर-फुसूर कौन ले रहा है कार्ड के 50 रूपए ?
दैनिक अवंतिका उज्जैन खुसुर-फुसूर
कौन ले रहा है कार्ड के 50 रूपए ?
चिंदी मिलने पर चुहा बजाज खाना खोल लेता है। ऐसा ही कुछ एक मामला सुनने में आ रहा है। मंदिर से जुडे इस मामले में खुसूर-फुसूर है कि आखिर कौन ले रहा है 50 रूपए ? मंदिर की सवारी में विभिन्न दल शामिल हो रहे हैं इन दलों में अनेक भक्त शामिल हैं। इन दलों को कार्ड बनाकर दिए जा रहे हैं और उन पर दलों के नाम लिखे जा रहे हैं। कार्ड बनवाने में दलों के संचालक एवं उनके मार्गदर्शक शामिल हैं। दलों में शामिल होने वाले युवकों ,बच्चों एवं महिलाओं से फोटो लिए गए हैं। प्रारंभिक रूप से फोटो लेने के बाद कार्ड बनकर आने पर उनसे संबंधित प्रोसेस के नाम और कार्ड बनवाने में 50 रूपए की मांग कर रहे हैं। यह तो ठीक है दलों में कार्ड में नाम किसी का लिखा गया है और फोटो किसी और का चिपका दिया गया है। ऐसे मामले भी हो रहे हैं। इन मामलों में सुरक्षा व्यवस्था का भी खतरा बन रहा है। मंदिर के अंदर खाने के साथ ही बाहर भी कार्ड की इस व्यवस्था को लेकर खासा माहौल अंदर ही अंदर बना हुआ है। दलों को बेहिसाब कार्ड दिए गए हैं उनकी मांग के अनुसार कार्ड जारी किए गए हैं। कोई संख्या निर्धारित नहीं है। कार्ड कौन जारी कर रहा है किसके कहने पर जारी हो रहे हैं उनकी वैधता क्या है । अधिकारिक स्तर पर उसमें पुलिस को जानकारी है या नहीं है। इसे लेकर सब गोलमाल है। बस दलों के दल –दल और संख्या बल के आगे सब कुछ जायज सा है और कार्ड बनने और बनाने का काम जारी है। दलों के संयोजक और संचालकों ने भी अपने आप को सुरक्षित किया हुआ है। उन्होंने इसमें भी नाम किसी और का आगे किया हुआ है और उसके नेतृत्व में टीम को आगे कर अपना काम कर रहे हैं। समझ से परे ये है कि अब तक मंदिर समिति की और से न तो इस प्रकार के कार्ड बनाने का कोई जिक्र अपनी जानकारी में किया है ओर न ही इसे लेकर प्रशासन स्तर पर कोई सूचना जारी हुई है। खुसूर- फुसूर है कि बाले-बाले यह काम हो रहा है तो तय है कि बजाजखाना खोलने का काम किया गया है।