नागपंचमी की परंपरा के अनुसार, 8 अगस्त की रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलेंगे।
दैनिक अवंतिका उज्जैन . नागपंचमी की परंपरा के अनुसार, 8 अगस्त की रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलेंगे। भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा-अर्चना के उपरांत रात 12.40 बजे आम दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो 9 अगस्त की रात 12 बजे तक चलेगा।ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में नागपंचमी को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। चूंकि नागपंचमी पर यहां नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए देश भर के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है इसलिए मंदिर के प्रशासनिक भवन में अधिकारियों ने गुरुवार को बैठक करके बेहतर व्यवस्था की रूपरेखा बनाई। इस बार 9 अगस्त को नागपंचमी मनाई जाएगी।परंपरा के अनुसार, 8 अगस्त की रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलेंगे। भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा-अर्चना के उपरांत रात 12.40 बजे आम दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो 9 अगस्त की रात 12 बजे तक चलेगा।भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगीपरंपरा के अनुसार भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल (तीन प्रमुख) पूजा की जाएंगी। प्रथम पूजा 8 अगस्त की रात 12 बजे पट खुलने के बाद महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज द्वारा की जाएगी। दूसरी पूजा 9 अगस्त की दोपहर 12 बजे शासन की ओर से प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी करेंगे। तीसरी पूजा 9 अगस्त की शाम करीब 7.30 बजे महाकाल मंदिर के पुजारियों द्वारा की जाएगी।महाकाल व नागचंद्रेश्वर मंदिर के लिए अलग दर्शन व्यवस्थानागपंचमी पर महाकालेश्वर व नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन की अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। दोनों मंदिरों में प्रवेश के मार्ग भी पृथक रहेगा। इस दिन दर्शनार्थी अगर दोनों मंदिरों में दर्शन करना चाहते हैं, तो उन्हें एक मंदिर में दर्शन के बाद दूसरे मंदिर में प्रवेश के लिए अलग कतार में लगना पड़ेगा।यह रहेगी प्रवेश की व्यवस्था नागचंद्रेश्वर दर्शनभगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए दर्शनार्थी कर्कराज पार्किंग से भील समाज की धर्मशाला पहुंचेंगे तथा दर्शन की कतार में लगेंगे। पश्चात गंगा गार्डन, चारधाम पार्किंग जिगजेग, हरसिद्धि चौराहा, बड़ा गणेश मंदिर के सामने से मंदिर के 4 व 5 नंबर गेट से मंदिर में प्रवेश करेंगे। इसके बाद विश्राम धाम के रास्ते एयरो ब्रिज से होते हुए नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करेंगे। दर्शन के उपरांत मार्बल गलियारा से मंदिर के बाहर निकलेंगे।महाकाल दर्शनभगवान महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालु महाकाल महालोक, मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर होते हुए टनल के रास्ते कार्तिकेय व गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन कर आपातकालीन द्वार से बाहर निकलेंगे।