नए संसद भवन की छत से टपकने लगा पानी, नीचे रखी बाल्टी, विपक्ष ने कहा संसद के बाहर पेपर लीक, अंदर पानी लीक

ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली

देश का नया संसद भवन करीब एक साल पहले बनकर तैयार हुआ है, इस संसद भवन की छत से पानी टपकने लगा है। संसद की लॉबी में गिर रहे पानी के लिए नीचे एक बाल्टी रख दी गई। जिसमें पानी जमा हो रहा है। जिसके लेकर कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने सरकार पर निधाना साधते हुए कहा कि संसद के बाहर पेपर लीक अंदर पानी लीक। नए संसद भवन में पानी टपकने को लेकर लोकसभा सचिवालय ने कहा कि ग्रीन संसद की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए संसद भवन के कई हिस्सों में कांच के गुंबद (ग्लास डोम) लगाए गए हैं ताकि नेचुरल लाइट आ सके।

इसमें लॉबी भी शामिल है। भारी बारिश के बाद ग्लास डोम को सील करने के लिए लगाया गया पदार्थ हट गया था। जिसके चलते पानी का रिसाव हुआ। हालांकि इसे अब ठीक कर लिया गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी। जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे। क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें, कम से कम तब तक के लिए, जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है। जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार में बनी हर नई छत से पानी टपकना, उनकी सोच-समझकर बनाई गई डिजाइन का हिस्सा होता है या फिर। गौरतलब है कि दिल्ली में हो रही लगातार बारिश के चलते हालात खराब है। 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर में बारिश के बाद पानी भरने से राउ कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में पानी भर गया। इसमें तीन स्टूडेंट्स की जान चली गई। वहीं 31 जुलाई को सिर्फ एक घंटे में 114 मिमी बारिश हुई। इसके चलते संसद, सुप्रीम कोर्ट, एम्स, लुटियंस दिल्ली, भारत मंडपम, इंडिया गेट-रिंग रोड टनल, प्रगति मैदान पानी में डूबे रहे।

पीएम नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट थी नई संसद-
नए संसद भवन का उद्धाटन 28 मई 2023 को हुआ था। प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी। नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे 28 महीने में बनाया गया।

नए संसद भवन का 20 विपक्षी पार्टियों ने किया था बहिष्कार-

 

गौरतलब है कि नई संसद का कांग्रेस सहित 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार किया था। विपक्ष का कहना था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री मोदी से इसका इनॉगरेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। वहीं भाजपा समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल हुईं।