मनोज , मालिनी और उषा की तिकड़ी ने कैलाश विजयवर्गीय को हर तरफ से मात देने की बनाई रणनीति

 

 

मुख्यमंत्री से लेकर दिल्ली दरबार तक अंदरूनी तौर पर पहुंचा रहे रिपोर्ट

इंदौर। केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के के इंदौर जिले में एक तरफ बढ़ते वर्चस्व को चुनौती देने के लिए भाजपा के तीन विधायक एकजुट हो गए हैं।
मालिनी गौड़, उषा ठाकुर और मनोज पटेल ने संयुक्त रूप से मंत्री गुट का मोर्चा लेने का तय किया है। दरअसल, भाजपा के इंदौर जिले में नगर और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में इस समय घमासान मचा हुआ है।
खास बात यह है कि भाजपा के शक्तिशाली मंत्री गुट के खिलाफ पार्टी के ही तीन विधायक एकजुट हो गए हैं। दो अन्य विधायक तटस्थ जरूर हैं, लेकिन
उन्होंने भी अनेक की मनमानी के खिलाफ असंतोष दर्शाया है। दरअसल, विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद प्रदेश के सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा निजाम संभालते ही इंदौर के भी सियासी समीकरण उलट गए। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर के कारण इंदौर के जो भाजपा नेता ताकतवर माने जाते थे अचानक उनकी राजनीति के कमजोर होती गई।
प्रदेश मंत्रिमंडल में इंदौर क्षेत्र क्रमांक 1 के विधायक कैलाश विजयवर्गीय के मंत्री बनते ही स्थिति पूरी ही तरह चेंज हो गई। मंत्री गुट शक्तिशाली होता गया। प्रशासन में भी मंत्री गुट की तूती बोलने लगी। नतीजे में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 की विधायक मालिनी गौड़, देपालपुर के विधायक मनोज पटेल और महू की विधायक उषा ठाकुर एकजुट हो गए।
इन तीनों विधायकों की शिकायत है कि मंत्री गुट उनकी विधानसभा में अनावश्यक हस्तक्षेप करता है। देपालपुर में मंत्री गुट ने पूर्व विधायक विशाल पटेल को प्रमोट कर रखा है। इसके अलावा मंत्री गुट के कट्टर समर्थक ग्रामीण जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा भी मनोज पटेल की राजनीति में हस्तक्षेप करते रहते हैं।
यही स्थिति महू विधानसभा की है। यहां कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार और भारतीय जनता युवा मोर्चा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष मनोज ठाकुर के कारण विधायक परेशान हैं। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 की विधायक मालिनी गौड़ की शिकायत है कि यहां महापौर पुष्यमित्र भार्गव हर उस नेता को संरक्षण देते हैं जो विधायक खेमें का विरोधी माना जाता है। महापौर को भी कैलाश विजयवर्गीय का समर्थक माना जाता है।
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 में सांसद शंकर लालवानी का अपना एक अलग समर्थक वर्ग है। शंकर लालवानी और मालिनी गौड़ समर्थकों के राजनीतिक मतभेद काफी पुराने हैं।
जब स्वर्गीय लक्ष्मण सिंह गौड़ जीवित थे, तब भी पार्षद और एमआईसी मेंबर के रूप में शंकर लालवानी हिंद रक्षक के विरोधी थे। जाहिर है भाजपा का घमासान आसानी से थमने वाला नहीं है क्योंकि दोनों तरफ ही दिग्गज नेता इसमें शामिल है।
मनोज पटेल तीन बार के विधायक हैं, तो उषा ठाकुर और मालिनी गौड़ चार बार के। जबकि मंत्री गुट के नेता कैलाश विजयवर्गीय खुद सातवीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।
इन तीनों विधायकों के अलावा क्षेत्र क्रमांक 5 के विधायक महेंद्र हार्डिया और राऊ के विधायक मधु वर्मा भी मंत्री गुट के कारण परेशान रहते हैं। हालांकि ये दोनों विधायक मुखरता से मंत्री गुटका विरोध नहीं करते।