साल भर बाद भी नसीब नहीं हो सके चयनित शिक्षकों को स्कूल
इस परीक्षा का परिणाम ही 6 माह बाद 20 फरवरी को जारी किया गया और तब से लेकर आज तक यह चयनित शिक्षक नियुक्ति की आस लगाये बैठे है। इनकी नियुक्ति को लेकर कोई फिक्र शासन के नुमाइंदो या फिर विभागीय अधिकारियों को नहीं है। उनको न स्कूलो मे शिक्षको का इंतजार कर रहे बच्चो के भविष्य की चिंता है न ही दो-दो परीक्षा पास करके चयनित हुए शिक्षकों को नियुक्ति देने की। इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि चयनित शिक्षक 5 माह पूर्व चयन के बाद से नियुक्ति की आस मे है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2023 के 15 विषय के चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन और शाला विकल्प चयन का कार्य एक माह पूर्व किया जा चुका है। जिसके बाद से उज्जैन जिले सहित पूरे प्रदेश में चयनित 3400 अभ्यर्थी दिन रात नियुक्ति की आस लगाये बैठे है। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी न करने से वह आये दिन भोपाल कार्यालय के चक्कर काटते और ज्ञापन देते नजर आते है। मगर उनकी फिक्र किसी को नही जान पड़ती है। मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सत्ता संभालते ही जिस नवाचार का जिक्र कर परीक्षाओ के बाद चयनितों को तुरंत नियुक्ति देने का वादा किया था और उनकी मंशानुसार पीएससी समेत अन्य विभागो ने चयन होने के बाद युवाओं को 15 दिन मे नियुक्ति पत्र वितरित किये थे। मगर स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय ने मुख्यमंत्री को अंगूठा दिखाकर 5 माह पूर्व चयनितों को आज तक नियुक्ति पत्र प्रदान नहीं किया है।
लगभग साठ शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन हुआ है और यह प्रक्रिया अभी जारी है। सत्यापन होने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। शिक्षकों के पद रिक्त है।
गिरीश तिवारी, एडीपीसी