24 घंटे में 9 बार बिजली गायब,कनिष्ठ यंत्री और जोन हेल्प डेस्क के जवाब में विरोधाभास विद्युत कंपनी की सप्लाय ,मनमानी की शंका के दायरे में -मेंटेनेंस के नाम पर बारिश में भी कटौती का क्रम बरकरार, न शेडयूल न ही सूचना का पालन

दैनिक अवंतिका

उज्जैन। विद्युत कंपनी की सप्लाया मनमानी किए जाने की शंका के दायरे में है। यह मनमानी ग्रामीण नहीं शहरी क्षेत्र के बुद्धिजीवियों के क्षेत्र में हो रही है।यहां 24 घंटे में 9 बार बिजली गायब की गई है। महाश्वेता जोन के कनिष्ठ यंत्री और हेल्प डेस्क के जवाब में विरोधाभास से इसकी कलाई खुल रही है। न तो इसमें शेड्यूल का पालन हो रहा है और न ही पूर्व सूचना का। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्युत कंपनी उपभोक्ताओं के साथ कितना न्याय कर रही है। आधुनिकीकरण के नाम पर पिछले 10 साल में 4 बार उपभोक्ताओं के मीटर बदलने वाली पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के हालात यह हैं कि थोडी सी तेज बारिश में ही शटडाउन करना इनकी मजबूरी बन गया है। मेंटेनेंस के नाम पर कटौती गर्मी के दिनों में की गई उसके बावजूद हालात ऐसे हैं कि डिपीयों से कटाउट गायब हैं सीधे तार जोडकर ही काम चलाया जा रहा है। पोल पर लगने वाले बाक्स खराब हो चुके हैं उनके स्थान पर डायरेक्ट वायर जोडे जा रहे हैं। इन सब के साथ क्षेत्र वार उपभोक्ताओं को शटडाउन कर झटका दिया जा रहा है।24 घंटे में 9 बार बिजली गायब-उज्जैन शहर संभाग पूर्व के अंतर्गत महाश्वेता जोन कार्यरत है। इस जोन के तहत ऋषिनगर फीडर है। यहां से कंपनी को 97 फीसदी राजस्व मिलता है। इस कालोनी में अधिकांश सेवानिवृत्तजन निवासरत है। गुरूवार शाम 5 बजे से शुक्रवार शाम 5 बजे तक यहां 24 घंटे के दरमियान9 बार बिजली जाने का क्रम रहा है। इसमें गुरूवार रात में 5 बार एवं शुक्रवार को दिन में 4 बार। शुक्रवार को दिन के समय करीब 4 बार में से 3 बार दो घंटे से ज्यादा की कटौती की गई। शुक्रवार को रात में बारिश जारी रही लेकिन न तो बहुत तेज हवाएं रही औ न ही बहुत तेज बारिश का दौर ही रहा है। उसके बावजूद हर एक डेढ घंटे में बिजली कट हुई। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है। पिछले एक माह से अधिक समय से कुछ –कुछ दिनों में इस तरह के हाल बन रहे हैं। हेल्प डेस्क का जवाब कुछ ऐसा-शुक्रवार को दोपहर में जारी कटौती को लेकर जोन के हेल्प डेस्क नंबर 0734 2920113 पर दोपहर 12.29 पर काल करने पर जवाब दिया गया कि यह कटौती वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर है। मेंटेनेंस के लिए 3 घंटे से अधिक रहेगी। अपरांह 4 बजे तक ही सप्लाय बहाल हो सकेगी।जेई का जवाब हैरान करने वाला-इससे पूर्व जोन के कनिष्ठ यंत्री एमके जायसवाल से जानकारी लेने पर उनका कहना था कि आज तो मेंटेनेंस के लिए कटौती का कोई शेड्यूल नहीं है। जब उन्हें बताया गया कि करीब पौन घंटे से बिजली नहीं है क्षेत्र में तो कहने लगे दिखवा लेता हुं।  तीन दिन पूर्व उनसे हुई चर्चा अनुसार जब उन्हें कहा गया कि आपने कटौती शेडयूल की जानकारी सोश्यल मिडिया के ग्रुप में डालते हैं। इस पर नंबर लिया था लेकिन उसे सोश्यल मिडिया के ग्रुप में जोड कर सूचना नहीं दी तो उनका कहना था कि रात में आकस्मिकता की कटौती थी इसकी सूचना नहीं दी जाती है। शेडयूल कटौती को लेकर भी वे संतुष्टिकारक जवाब नहीं दे सके।5 दिन में 38 बार बिजली आई-गई-क्षेत्र की निवासी महिलाओं का कहना है कि पिछले 5 दिनों में ऋषिनगर फीडर के ईडब्डल्यूएस क्षेत्र में 38 बार बिजली का आने जाने का क्रम शुक्रवार तक हुआ है। यह क्रम सोमवार से बराबर ध्यान रखा गया। क्षेत्र की सखी ग्रुप की महिलाओं ने बिजली जाने आने के इस क्रम को ध्यान देकर जोडा है। ग्रुप की महिलाओं का कहना है कि जोन पर हमेशा ही आम उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले जवाब दिए जाते हैं। महिलाओं से तेश में बात की जाती है। जवाब जो दिया जाता है उसके विरूद्ध समय पर कोई पूर्ति नहीं की जाती है।किसी को नहीं मिल रही सूचना-महिलाओं से यह पूछे जाने पर की सोश्यल मिडिया पर उन्हें कटौती के शेड्यूल के बारे में सूचना बिजली कंपनी देती है तो जवाब था कि किसे मिलती है ये किसी को मालूम नहीं है। विद्युत कंपनी गुमराह कर रही है। क्षेत्र के निवासी उपभोक्ताओं में से किसी के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं आ रही है। महिलाओं का कहना था कि आनलाईन पेमेंट जिन नंबरों से होता है उन्ही पर सूचना नहीं मिल रही है। तो अलग से नंबरों पर तो सूचना संभव ही नहीं है।9जोनों से कटौती की सूचना-इधर जानकारी सामने आ रही है कि शहर के 9 जोन अंतर्गत ऐसी ही कटौतियों का दौर चल रहा है। 11 केवी के शहर में 122 फीडर के तहत विद्युत प्रदाय घरेलू लाईनों को दिया जाता है। घरेलू लाईनों के क्षेत्र वार अलग से फीडर बने हुए हैं। 9 जोन अंतर्गत इन फीडरों पर जानकारी लेने पर सामने आ रहा है कि न्यूनतम दिन में 2-3 बार हर क्षेत्र में ही विद्युत प्रदाय में अवरोध की स्थिति रहती है।-जोन से जानकारी ली जाएगी। बिल से ही फीडर की स्थिति स्पष्ट हो सकती है। सोश्यल मिडिया के ग्रुप में हम सूचना देते है पर उसकी लिमिटेशन होने से उसमें कम ही उपभोक्ता जुड पाते हैं।-जयेन्द्र ठाकुर , कार्यपालन यंत्री शहर संभाग पूर्व