सदन में बाउंसर तैनात किए जाने का मुद्दा गरमाने लगा
इंदौर। नगर निगम के बजट सम्मेलन में सदन में बाउंसर तैनात किए जाने का मुद्दा गरमाने लगा है। कांग्रेस पार्षदों ने इस मामले में आपत्ति दर्ज कराई है। यह पहला मौका है जब निगम के सम्मेलन में बाउंसरों को तैनात किया गया।
चार माह पहले रिमूवल गैंग को सेना की वर्दी से मिलती-जुलती ड्रेस पहनाने का भी पूर्व सैनिकों ने विरोध किया था। इसके बाद नगर निगम को वर्दी का फैसला वापस लेना पड़ा था। अब बाउंसर रखे जाने के मामले में नगर निगम पर सवाल उठ रहे हैै। सम्मेलन केे दौरान गेट पर तैनात बाउंसरों ने तख्तियां लेकर सदन में जाने का प्रयास कर रहे कांग्रेस पार्षदों को गेट पर रोका था। पार्षदों का गेट पर बाउंसरों से विवाद भी हुआ था। बता दें कि पांच साल पहले भी रिमूवल गैंग में कुछ कर्मचारी बाउंसर के रूप में तैनात रखे गए थे,जो काली टी शर्ट और जिंस पहनकर अफसरों के साथ तैनात रहते थे। उनका भी काफी विरोध हुआ था। बियाबानी में रिमूवल के दौरान बाउंसरों ने रहवासियों से विवाद भी किया था। तब भी यह मुद्दा गरमाया था। फिर उन्हें गैंग सेे हटा दिया गया था। सदन के मेन गेट पर छह बाउंसर तैनात किए गए थेे,जबकि बिल्डिंग की एंट्री पर भी बाउंसर खड़े थे। गेट पर तैनात बाउंसर को निर्देश दिए गए थे कि पार्षद के अलावा सदन में किसी को प्रवेश न दिया जाए। बाउंसरों ने निगम के कर्मचारियों को भी कई बार रोका था। सम्मेलन समाप्त होने के बाद भोजन कक्ष के बाहर भी बाउंसर तैनात किए गए थे। नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे बोले कि शहर के पब-बारों में बाउंसर तैनात रहते है, लेकिन निगम के सम्मेलन में बाउंसर तैनात कर भाजपा परिषद पब-बार की संस्कृति निगम में लाना चाहती है। जनप्रतिनिधियों को रोकने के लिए नगर निगम ने किस नियम के तहत अफसरों ने बाउंसर रखे है। यह जवाब उन्हें देना चाहिए।