उज्जैन-इंदौर के बीच सिक्सलेन बनाने की तैयारी….15 प्रतिशत बिलों रेट कम करने के लिए तैयार उदयपुर की कंपनी
उज्जैन। आगामी सिंहस्थ को देखते हुए सरकार ने उज्जैन से इंदौर के बीच फोरलेन को सिक्सलेन में तब्दील करने का फैसला लिया है और अब इसकी तैयारी भी जोरों पर है। बताया गया है कि जिस उदयपुर की कंपनी ने सिक्सलेन प्रोजेक्ट बनाने के लिए हामी भरी है वह पंद्रह प्रतिशत बिलों रेट पर काम करने के लिए तैयार है। इसके बाद मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम ने कार्य शुरू करने के लिए अनुबंध करने का भी पत्र कंपनी को भेज दिया है। उम्मीद है कि अनुबंध करने के बाद काम शुरू हो जाएगा। बता दें कि सिक्स लेन प्रोजेक्ट के लिए उदयपुर की रवि इंफ्राबिल्ड कंपनी को अनुबंध पत्र भेजा गया है।
सिक्सलेन मार्ग, उज्जैन में स्थित हरिफाटक पुल से इंदौर में स्थित अरविंदो अस्पताल के सामने तक बनेगा। कुल लंबाई 46.475 किलोमीटर होगी। मुख्य सड़क डामर की बनाई जाएगी। आबादी क्षेत्र में क्षेत्रीय रहवासियों के सुरक्षित आवागमन के लिए अलग से सीमेंट-कांक्रीट की एप्रोच रोड बनाई जाएगी।
8 फ्लायर ओवर, 70 कलवर्ट बाक्स बनाए जाएंगे
मार्ग में 8 फ्लायर ओवर, 70 कलवर्ट बाक्स बनाए जाएंगे। उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज तिराहा और सिंहस्थ बायपास मार्ग (शांति पैलेस चौराहा) क्षेत्र में भी फ्लाई ओवर ब्रिज एवं सर्विस रोड बनेगा। रोड का निर्माण हाइब्रिड वार्षिकी पद्धति पर पेव्ड शोल्डर के साथ किया जाएगा। रोड की डिजाइन इस तरह प्लान की है कि दुर्घटना की गुंजाइश शून्य हो। योजना अंतर्गत पहले चरण में दोनों शहर की तरफ 14-14 किलोमीटर लंबी रोड बनाई जाएगी।
अभी साढ़े आठ मीटर की दो चौड़ी सड़कें
इस तरह मार्ग कुल 25 मीटर चौड़ा हो जाएगा। अभी साढ़े आठ मीटर की दो चौड़ी सड़कें है। यानी मार्ग की चौड़ाई कुल 17 मीटर है। सिविल वर्क के लिए 735 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। रवि इन्फ्राबिल्ड कंपनी द्वारा काम 15 प्रतिशत बिलो रेट पर 623 करोड़ में लिए जाने से सरकार को सीधे 112 करोड़ रुपये की बचत हुई है। मार्ग 2027 में बनकर तैयार हो जाएगा। मालूम हो कि उज्जैन-इंदौर रोड पर लगातार यातायात के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए मध्यप्रदेश मंत्री मंडल ने सिक्स लेन की कार्य योजना 20 फरवरी 2024 को मंजूर की थी। तब कहा था कि अगले तीन माह में ठेकेदार का चयन कर दो वर्ष में सिक्स लेन बनवा लिया जाएगा। मार्ग में सड़क सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे और सभी जंक्शन का सुधार कराया जाएगा। 15 साल के ऑपरेशन-मेंटेनेंस के साथ सड़क निर्माण के लिए 1692 करोड़ रुपये की विस्तृत कार्य योजना (डीपीआर) स्वीकृति की थी। कहा था कि सिविल वर्क पर 735 करोड़ 36 लाख रुपये रुपये खर्च किए जाएंगे। शेष राशि भूमि अधिग्रहण, सड़क सुरक्षा के उपाय और सभी जंक्शन के सुधार पर अगले चरण में खर्च की जाएगी।