भय मुक्त कराने पहुंची पुलिस कॉल पर दिखाया था गिरफ्तारी वारंट मैनेजर को हाऊस आरेस्ट के भय से पुलिस ने कराया मुक्त

दैनिक अवंतिका उज्जैन /
उज्जैन। मनी लॉड्रिंग और मानव तस्करी के मामले में दिल्ली पुलिस और सीबीआई का अधिकारी बनकर दिलीप बिल्डकॉन के मैनेजर को गिरफ्तारी का डर दिखाया गया और लाखों रूपयों की डिमांड की गई। गिरफ्तारी के डर से मैनेजर और उनकी पत्नी ने खुद को फ्लैट में कैद कर दिया। पुलिस ने दोनों को हाऊस अरेस्ट के भय से मुक्त कराया है।
नानाखेड़ा तिरूपति हाईट्स में फ्लैट नम्बर 603 में दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के मैनेजर मनीष दीक्षित के पास शनिवार सुबह वीडियो कॉल आया और बताया गया कि दिल्ली पुलिस और सीबीआई से बोल रहे है। मनी लॉड्रिंग और मानव तस्करी में नाम शामिल होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। गिरफ्तारी से बचना है तो लाखों रूपये देना होगा। मनीष दीक्षित और उनकी पत्नी भयभीत हो गये। उन्होने फ्लैट से नीचे आकर गार्ड को कहा कि कोई भी उनके यहां आये तो मना कर देना। दोनों ने खुद को फ्लैट में कैद कर लिया। मामले की जानकारी एसपी प्रदीप शर्मा को मिली तो उन्होने तत्काल नानाखेड़ा थाना पुलिस को हाऊस अरेस्ट के भय में आये परिवार को मुक्त कराने के लिये तिरूपति हाईट्स भेजा। जहां पुलिस ने मैनेजर और उनकी पत्नी को वीडियो कॉल फर्जी होना बताते हुए भय मुक्त कराया। मैनेजर ने गिरफ्तारी से बचने के लिये आॅनलाइन रूपये ट्रांसफर करने तैयारी भी कर ली थी। पुलिस ने उनका ट्रांजेक्शन भी रूकवाया। मैनेजर दंपति ने सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुद को फ्लैट में कैद कर रखा था।
आरोपियों का पता लगाने में लगी पुलिस
मैनेजर को डिजीटल गिरफ्तारी का भय दिखाकर हाऊस आरेस्ट करने वाले  वाले बदमाशों को लेकर नानाखेड़ा थाना प्रभारी नरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है। जिस नम्बर से वीडियो कॉल आया उसका पता लगाया जा रहा है। बदमाशों को गिरफ्तार करने के प्रयास भी किये जा रहे है।
एसपी बोले कॉल आने पर डरे नहीं
आॅनलाइन फ्रॉड करने वाले बदमाशों द्वारा लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिये अब नया तरीका डिजीटल अरेस्ट अपनाना शुरू कर दिया है। लगातार सामने आ रहे मामलों को लेकर एसपी प्रदीप शर्मा ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि ऐसे डिजीटल अरेस्ट से संबंधित कॉल, मैसेज, वीडियो कॉल आने पर डरे नहीं। किसी को रूपये ट्रांसफर नहीं करे। तुरंत समीप के पुलिस थाने या सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराये। कोई भी एजेंसी, पुलिस और न्यायालय डिजीटल गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं करती है।