हरियाली अमावस्या पर भगवती माता मंदिर पर लगा मेला
बड़नगर। श्रावण मास की हरियाली अमावस्या को भगवती माता मंदिर पर प्रतिवर्ष लगने वाला एक दिवसीय दीवासे का महामेला रविवार को लगा । इस अवसर पर माता का विशेष श्रृंगार किया गया। रिमझीम बारिश के बाद भी नगर सहित आसपास के गांव के हजारों भक्तगणों ने भगवती माता के दर्शनों का लाभ लिया और माता को घेवर और फैनी का भोग लगाया। मेले में बच्चों के लिए झूले, खिलौने व खाने पीने की दुकाने लगी थी। पर्व को लेकर बाजार भी घेवर , फैनी की दुकानें सजी थी। नगर के प्रत्येक घर में घेवर, फैनी का लोगो ने लुफ्त उठाया।
पुजारी महंत जितेंद्र भारती ने बताया कि करीब 400 पुर्व सन्यासी मांन भारती बाबा ने यहां ओंकारेश्वर महादेव की तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर बड़ के वृक्ष से भगवती माता प्रकट हुई और बाबा को दर्शन दिए। इसके पश्चात बाबा ने मंदिर का निर्माण किया । तभी से नगर का नाम बड़नगर पड़ा एवं तभी से ही हरियाली अमावस्या पर दीवासे का मेला भी आयोजित होता आ रहा है। इस दिन माता को घेवर और फैनी का भोग लगाया जाता है ।
विधायक ने किए दर्शन
तहसील के प्रथम नागरिक, क्षेत्र के विधायक जितेंद्र उदयसिंह पंड्या हरियाली अमावस्या पर लगने वाले भगवती माता मंदिर मेले में पहुंचे और मंदिर के बाहर दर्शन करने के लिए लगी कतार में लगकर अपनी पत्नी के साथ भगवती माता के दर्शन किए। विधायक ने क्षेत्र में अच्छी बारिश, सुख, शांति और किसानों की अच्छी फसल की कामना की। विधायक पंड्या द्वारा कतार में लग दर्शन करने को मेले में मौजूद आमजन एवम सोशल मीडिया पर उनकी सहजता बताते हुए उनके कार्य को सराहा जा रहा है ।
रुनिजा। रतलाम इंदौर फोर लेन के पास रुनीजा से ग्यारह किलोमीटर दूर पांडव कालीन पहाड़ी पर विराज मान माता कवलका के दरबार मे प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष हरयाली अमावस्या एक दिवसीय मेला रविवार को लगा। इस मेले मे बड़ी हजारों की संख्या माता भक्त सावन की हरियाली में प्रकति की हरियाकी में मनोरम व अनुपन छटा का आनन्द लेने सावन की फुहारों के बीच पहुचे व माता कवलका के दर्शन किये। रविवार की सुबह से ही मौसम सुहाना रहा। जैसे जैसे दिन चढ़ता गया वैसे वैसे त कभी तेज तो कभी रिमझिम फुहारे बरसती रही। कवलका माता के पहाड़ी पर मंदिर के आसपास के क्षेत्र मे बारिश के साथ बदलो का कोहरा छाया रहा जो पहाड़ी की सुंदरता चार चांद लगा रहा था। आसमान से बरसती तेज बारिश पर माता भक्ति की आस्था भारी पड़ रही थी बारिश मे भी बड़ी संख्या मे भक्त माता के दर्शन करने व मेले का आंनद लेने पहुँचे। सुबह से ही माता के दर्शन के लिए भक्तो कतार लगने लगी।
उक्त धार्मिक आस्था से लबरेज मेले मे सेकड़ो दुकान पहाड़ी क्षेत्र के साथ सातरुंडा सें लेकर बीरमावल रोड पर कई किमी तक दर्शनाथियो को आकर्षित कर रही थी। जिसमे प्रमुख रूप से खिलोने, महिला प्रसाधन, कृषि औजार, झूले, मिठाई व तरहर तरह के व्यंजनों की दुकान, फल दुकान, विभिन प्रजाति के पौधों व विभिन्न प्रकार की मनोरंजन दुकाने इस मेले मे लगी। बारिश के कारण दुकानदारों को अपनी दुकान चलाने मे मुस्किले उठानी पड़ी। कई दुकानदार अपनी दूकान के सामान को त्रिपाल व छाते से सुरक्षित करते दिखाई दिए। भीड़ की अधिकता के चलते दो पहिया व चार पहिया वाहनो को सातरुंडा चौराहे व बीरमावल सें समीप गौशाला के पास ही रोका गया। जिसके चलते दर्शनार्थियों को तीन चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।