न्यायमूर्ति ने वकील से ऐसा किया सवाल…कि बगलें झांकने लगे
जबलपुर । एमपी हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने बेहद तल्ख टिप्पणी की। सामने वाले वकील से सवाल किया कि क्या ताजमहल और लालकिला सहित देश की सारी सम्पत्ति को वक्फ प्रापर्टी घोषित कर दें। यह मामला वक्फ की एक प्रापर्टी पर अतिक्रमण के आरोप से संबंधित था।
याचिकाकर्ता वक्फ की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि मूलतः वक्फ की प्रापर्टी से अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया जाए। इस पर हाई कोर्ट ने सवाल किया कि जिस सम्पत्ति पर अतिक्रमण का आरोप लगाया जा रहा है, वह वक्फ की सम्पत्ति है, इसका दस्तावेजी प्रमाण क्या है। यदि है तो पेश करें। यह सुनकर वक्फ के वकील बगलें झांकने लगे। इस पर कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए तल्ख टिप्पणी कर दी। सुनवाई के दौरान आर्कियोलाजी सर्वे आफ इंडिया के वकील केएन पेठिया से भी इस सिलसिले में पक्ष रखने कहा गया। कोर्ट ने कहा कि एएसआई इस दिशा में क्या कर रही है। ऐसे तो हर दूसरी सम्पत्ति को वक्फ की सम्पत्ति निरूपित कर अतिक्रमण हटवाने याचिका दायर की जाती रहेंगी। निजी जमीन या सरकारी जमीन का विवाद समझ में आता है किंतु यह वक्फ की प्रापर्टी बोलकर दावा करने का रवैया समझ के परे है। यह शोध का विषय बन गया है। इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अहलूवालिया ने साफ किया कि यदि कोई सम्पत्ति एंसीएन्ट मोन्यूमेंट के रूप में अधिसूचित है, तो उसे वक्फ की सम्पत्ति साबित करने की कवायद बेमानी है। वह सरकार के संस्कृति विभाग अंतर्गत देश की धरोहर की श्रेणी में आती है। उसे वक्फ सम्पत्ति डिक्लेयर करने का रवैया ठीक नहीं।