नारी सुधर गई तो जगत सुधर गया – महामंडलेश्वर गुरू मां आनंदमयी रामराज्याभिषेक के साथ हुई श्रीराम कथा की पूर्णाहुति, आज होगा कालसर्प दोष निवारण
दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जैन। कितनी भी विषम परिस्थिति आए धीरज को डोलने नहीं देना, नारी को अपने पति की शरण में रहना चाहिये, नारी के लिए पहला गुरू मां, दूसरा पिता, तीसरा पति है। जीवन में कितनी भी परेशानी आ जाए अपने पति का साथ नहीं छोड़ना। भगवान ने जोड़ा बना दिया उसे निभाना चाहिये, एक क्षण में छोड़ना नहीं हमको परिवार को जोड़ना है, परिवार जोड़ने में सबसे मुख्य भूमिका नारी की होती है, नारी सुधर गई तो जगत सुधर गया, नारी धर्ममय हो गई तो पूरा घर धर्ममय हो जाता है। जीवन उसी नारी का महान है जो सत्संग करे, जो भगवान का भजन करे, भगवान के नाम का सुमिरन करे, किसी की आत्मा को ना दुखाये।
यह बात बड़नगर रोड़ स्थित मोहनपुरा में श्री बाबाधाम मंदिर (अर्जी वाले हनुमान -81 फीट) में संगीतमय श्रीराम कथा दौरान महामंडलेश्वर गुरू मां आनंदमयी ने पंचवटी में सती अनुसुइया द्वारा माता सीता को दिए स्त्री धर्म निभाने के उपदेश के प्रसंग को सुनाते हुए कही। गुरू मां द्वारा कथा में भगवान श्रीराम द्वारा माता शबरी को मोक्ष, किष्किंधा कांड की कथा में बाली वध, लंका दहन, रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग की स्थापना, राम सेतु का निर्माण हुआ, रामजी की सेना लंका पहुंची और कुंभकरण, मेघनाथ सहित रावण का वध हुआ। 10 बाण रावण के सिर पर, 20 बाण भुजाओं में और 31वां बाण रावण की नाभि में मारकर उसे धराशायी कर दिया। आसमान से देवताओं ने पुष्पवर्षा की, और रामराज्याभिषेक के साथ श्रीराम कथा की पूर्णाहुति हुई। गुरू मां आनंदमयी ने कहा वनवास के दौरान अनुसूइया ने सीताजी को शिक्षा दी कि आदर्श पत्नी का पति के लिए व्यवहार कैसा होना चाहिए, उसे गृहस्थ जीवन कैसे संवारना चाहिए। सती अनुसुईया ने शिक्षा दी कि नारी को चाहिये कि पति आज्ञा करे तो ही कहीं जाना। लेकिन आजकल थोड़ी तकरार हुई, थोड़ी सी परेशानी आई तो घबराकर दूसरा अवसर तलाश कर लेती है नारी। आजकल बहुत भग रही हैं। अपने पति के होते हुए जो नारी पर पुरूष के साथ गमन करती है उसे घोर नरक मिलता है, अपने पति के होते हुए किसी परपुरूष को देखे तो उसमें पिता, भाई को देखे। राम की कथा जोड़ने की कथा है, सनातन धर्म के माता-पिता, पति पत्नी को सुनना चाहिये, इस कथा को सुनने से ही कई घर टूटते टूटते बच जाते हैं।
किसी के कहने में न आए, अपनी बुध्दि लगाएं
संगीतमय श्रीराम कथा में महामंडलेश्वर गुरू मां आनंदमयी ने कहा कि किसी ने कह दिया सोमवार को यह करो, तो घर के सब काम छोड़कर घंटी बज रही है, अपनी बुध्दि लगाओ अपने जीवन में जब भजन कर रहे हैं तो शुध्दि केवल उतनी घर में जो जीव रह रहा है उसकी सेवा करो, किसी ने कह दिया उत्तर को जाओ तो हम उत्तर को चल दिये, इस कलियुग में इस चित्रण से थोड़ा बचकर चलना। कई भटकाते हैं, कहते हैं एक समोसा खा लो कृपा हो जाएगी। मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र उसका धर्म होता है, बिना सद्गुरू के राक्षस के समान जीवन जीता है इंसान। जे झुकता नहीं भगवान उस पर कृपा नहीं करता। जिसको राम मारे उसे कोई नहीं बचा सकता, जिसको राम तारे उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। श्री बाबा धाम मंदिर सचिव महंत आदित्यपुरी राजा भैया ने बताया कि 7 अगस्त को श्रीराम कथा की पूर्णाहुति हुई। आज 8 एवं कल 9 अगस्त को बाबा धाम मंदिर में कालसर्प दोष का निवारण होगा।
बहू को अपना बना लो, बेटा खींचा चला आयेगा
बहू अगर अपनी हो गई तो बेटा तो खींचा चला आएगा, हम बहू को तो अपना नहीं बनाते, बेटे को ही अपना बनाये रखने में लगे रहते हैं, बहू को हम अपना नहीं बना पाते, यही कारण है कि हमारे गर्भ से निकला बेटा हमें छोड़ कर कहीं ओर घर बसा लेता है। यही कारण है हम रो रहे हैं। बहु को बेटी मान लिया तो वही बहू जीवन के अंतिम समय में स्वयं बेटी बनकर आपके सारे दुखों को दूर करेगी और आपके चरणों की सेवा करेगी। भगवान की कथा यही है कि आपकी व्यथा सुधर जाए। संसार में दुष्ट का संग नहीं मिलना चाहिये, सब कुछ मिल गया, धन संपदा, अच्छा परिवार लेकिन दुष्टों का संग मिल गया तो सब बर्बाद।
कथा पूर्णाहुति पर गूंजा ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’
कथा की पूर्णाहुति पर देश के सैनिकों को स्मरण करते हुए देशभक्ति गीत गूंजे। ऐ मेरे वतन के लोगों गीत ने सभी को देशप्रेम से ओतप्रोत कर दिया। आंखों में भक्तों के अश्रु आ गए।