सरकारी स्कूलों के कमजोर विद्यार्थियों को टॉप पर पहुंचाएंगे सुपर सेक्शन क्लास की होगी शुरुआत——विद्यार्थी को 24 सौ रुपए फीस भी देना होगी

दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जैन। उज्जैन जिले के सरकारी स्कूलों में कमजोर बच्चों को अब टॉप पर पहुंचाने के लिए प्रयोग हो रहा है और इसके लिए पूरे प्रदेश के साथ ही उज्जैन जिले में भी सरकारी स्कूलों में सुपर सेक्शन क्लास की शुरुआत होगी।स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के कमजोर विद्यार्थियों को टॉप तक पहुंचाने के लिए नया प्रयोग शुरू किया है। अब नवमी के फेल विद्यार्थियों के लिए अलग से कक्षाएं लगाई जाएंगी। इन कक्षाओं को सुपर सेक्शन क्लास नाम दिया गया है। विभाग की मंशा है कि सुपर सेक्शन में सिर्फ नौवीं के फेल विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। इन विद्यार्थियों के साथ शिक्षक अलग से मेहनत कर परीक्षा में टॉप तक पहुंचाएंगे।
दरअसल, बोर्ड परीक्षाओं के खराब होते रिजल्ट को देखते हुए राज्य ओपन मुक्त परिषद ने फेल विद्यार्थियों की स्पेशल पढ़ाई कराकर पास कराने की जिम्मेदारी ली है। राज्य ओपन प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में सुपर सेक्शन क्लासें शुरू कर रहा है। इसमें सिर्फ नौवीं के फेल विद्यार्थियों की अलग से पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके लिए अलग से प्रति विद्यार्थी को 24 सौ रुपए फीस भी देना होगी। लोक शिक्षण संचालनालय का जिम्मे नवमी से बारहवीं तक पढ़ाई होती है।

दसवीं-बारहवीं के फेल विद्यार्थियों के लिए लोक शिक्षण संचालनालय कुछ नहीं कर पाया। वह फेल विद्यार्थियों को पढ़कर पास कराने में अक्षम रहा। इसे देखते हुए दसवीं-बारहवीं में फेल विद्यार्थियों के लिए राज्य ओपन स्कूल ने रुक जाना नहीं योजना शुरू की। अब नवमी के फेल विद्यार्थियों को भी लोक शिक्षण पढ़ाने में अक्षम रहा है। यह जिम्मेदारी भी राज्य ओपन ने ले ली है। राज्य ओपन प्रदेश के सभी हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में नवमी के फेल विद्यार्थियों के लिए अलग से सेक्शन शुरू करेगा। इन विद्यार्थियों की राज्य ओपन बारहवीं तक पढ़ाई करवाएगा। साथ ही इन विद्यार्थियों की परीक्षा भी लेगा। जिला स्तर पर स्थित मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के ईएफए विद्यालय के प्राचार्य इसके प्रभारी होंगे। इसके नोडल अधिकारी जिले के उन स्कूलों का एक दल बनाएंगे, जहां सुपर सेक्शन के विद्यार्थियों की शिक्षण व्यवस्था की जा रही है। उक्त नोडल अधिकारी योजना को क्रियान्वित किए जाने में समन्वय का कार्य करेंगे। जिन विद्यालयों में 30 या इससे अधिक विद्यार्थी अनुतीर्ण है। उनके लिए समय सारणी में पृथक वर्ग की व्यवस्था की जाएगी।