त्रिकाल पूजा के साथ खोले भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट
दैनिक अवंतिका
उज्जैन। नागपंचमी पर वर्ष में एक बार खुलने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट दर्शनों के लिये रात 12 बजे त्रिकाल पूजा के साथ खोले गये। श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के मंहत विनित गिरी महाराज ने पूजा की। श्रावण मास की पंचमी के दिन ही मंदिर के पट खोलने की परंपरा अनादी काल से है।
12 ज्योर्तिलिंगों में विश्व प्रसिद्ध दक्षिणमुखी महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर बने भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोले जाने की तैयारी रात 11 बजे से शुरू हो गई थी। 12 बजते ही श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के मंहत विनित गिरी महाराज त्रिकाल पूजा के लिये पहुंचे। विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई, ऐसी मान्यता है कि मंदिर में साक्षात नगाराज तक्षक मौजूद रहते है। त्रिकाल पूजा के बाद कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, मंदिर प्रशासक मृणाल मीणा सहित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पूजन अभिषेक किया गया। रात 1 बजे के करीब आम श्रद्धालुओं के लिये दर्शन प्रवेश खोल दिया। मंदिर के पट खुलते ही महाकाल मंदिर प्रांगण जयकारों से गूंज उठा था। प्रशासन ने सभी को तत्काल और सुरक्षित तरीके से दर्शन हो सके इसकी व्यवस्था की थी। श्रद्धालु भी कतारबद्ध दर्शन के लिये पहुंच रहे थे। मंदिर के पट 24 घंटे अनवरत खुले रहेगें। आज दोपहर शासकीय पूजन होगा। नागचंद्रेश्वर मंदिर में 11 शताब्दी की अद्भुत प्रतिमा है, जो नेपाल से लाई गई है। विश्व में नागचंद्रेश्वर मंदिर ऐसा एकमात्र मंदिर है, जहां भगवान विष्णु की जगह भगवान शिव सर्प शय्या पर विराजमान है। प्रतिमा में शिव के साथ माता पार्वती, भगवान गणेश विराजमान है। जिसके दर्शन मात्र से सभी मनोकमनाएं पूरी हो जाती है। यही वजह है कि वर्ष में एक बार खुलने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते है। इस बार 10 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया है। रात में ही लाखों श्रद्धालु कतार में लगे दिखाई दे रहे थे।