वर्ष में एक दिन 24 घंटे के‍ लिए खुले श्री महाकालेश्वर मंदिर के तीसरे तल स्थित मंदिर के पट नागचंद्रेश्वर के मध्यरात्रि पट खूले , मध्य काल में त्रिकाल पूजा

दैनिक अवंतिका

उज्जैन। वर्ष में एक दिन 24 घंटे के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर के तीसरे तल स्थित भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए मध्य रात्रि को पट खोले गए। श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडा के महंत विनित पुरी महाराज ने प्रारंभिक द्वार पर पूजा की उसके बाद ताला खोला गया। इसके उपरांत उपर पहुंचकर भगवान श्री नागचंद्रेश्वर की भित्ती प्रतिमा एवं शिवलिंग रूप का पुजन किया गया। इसके बाद आमजनों के दर्शन का क्रम शुरू हुआ। दोपहर में त्रिकाल पूजा प्रशासनिक अधिकारियों ने की है। गुरूवार-शुक्रवार मध्यरात्रि को श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के पट पूजन के साथ खोले गए। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के साथ पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा इस दौरान उपस्थित रहे। महंत ने विधि विधान से पूजन अर्चन किया। प्रारंभ में प्रतिमा का जलाभिषेक किया गया । उसके उपरांत प्रतिमा का पूजन अर्चन का क्रम शुरू हुआ। करीब 25 मिनिट से अधिक समय तक पूजन अर्चन चलता रहा । इसके साथ ही रात से ही भगवान के दर्शनों के लिए आतुर कतारबद्ध श्रद्धालुओं के भगवान के दर्शन का क्रम शुरू हो गया। दर्शन का क्रम शुक्रवार – शनिवार मध्य रात्रि तक रहेगा। इसके बाद मंदिर के पट एक बार पून: एक वर्ष के लिए बंद कर दिए जाएंगे।दोपहर में त्रिकाल पूजा- शुक्रवार मध्य दोपहर में 12 बजे के उपरांत भगवान श्री नागचंद्रेश्वर महादेव का त्रिकाल पूजन किया गया है। परंपरागतरूप से इस पूजन को महंत विनित पुरी महाराज ने करवाया। इस पूजन में संभागायुक्त संजय गुप्ता,आईजी संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एसपी प्रदीप शर्मा सपरिवार शामिल हुए। पूजन करीब 25 मिनिट से अधिक समय तक चला। पृथक –पृथक रही दर्शन व्यवस्था- भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर के दर्शन -श्रद्धालु भील समाज धर्मशाला से प्रवेश कर – गंगा गार्डन के समीप से – चारधाम मंदिर पार्किंग स्थल जिगजेग- हरसिद्धी चैराहा – रूद्रसागर के समीप से – बड़ा गणेश मंदिर – द्वार नम्बर 04 अथवा 05 के रास्ते – विश्रामधाम – एरोब्रिज से होकर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर जी के दर्शन किए। दर्शन उपरांत एरोब्रिज के द्वितीय ओर से- रेम्प- मार्बल गलियारा – नवनिर्मित मार्ग से – द्वार क्रमांक 04 के सम्मुख से – बड़ा गणेश मंदिर – हरसिद्धि चैराहा – नृसिंह घाट तिराहा होते हुए पुनः भील समाज धर्मशाला पहुंचे। भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन -श्रद्धालु त्रिवेणी संग्रहालय के समीप – सरफेस पार्किंग से प्रवेश कर – नंदीद्वार – श्री महाकाल महालोक – मानसरोवर भवन में प्रवेश कर – फेसेलिटी सेंटर-01 – मंदिर परिसर – कार्तिक मण्डपम् में प्रवेश कर, कार्तिक मण्डपम् – गणेश मण्डपम् से बाबा महाकाल के दर्शन किए। दर्शन उपरांत बाहर की ओर प्रस्थान कर पुनः महाकाल महालोक एवं नीलकंठ पथ होते हुए अपने गंतव्य तक पहुँचे।