नागउत्सव का अनूठा आयोजन.. नागिन की धुन पर थिरके जोड़े…

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दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जैन। कोठी रोड़ पर प्रातः काल विशिष्ट नज़ारा था.. काले रंग के कपड़ो में सैकड़ो की संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं, पुरुष, बच्चे, नर नारी नागिन की धुन पर तल्लीन होकर थिरक रहे थे। अवसर था नागपंचमी पर्व पर पर्यावरण की रक्षा एवं सरिसर्प की सुरक्षा के संदेश का अनूठा तरीके का… भगत जी सेवा संस्थान एवं विक्रम वाटिका ग्रुप द्वारा “नाग को दूध मत पिलाओ “ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संयोजक मंगल बामनिया ने बीन बजाकर एवं सह संयोजक पंकज प्रताप सिंह पँवार ने सर्प नृत्य कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। परामर्श दाता स्वामी मुस्कुराके, शैलेंद्र व्यास ने चुटिले अंदाज में सूत्रधार की भूमिका मे कहा कि.. ना जरूरत थी सितारों की, ना जरूरत थी फालतू यारों की… हमें तो एक दोस्त कोबरा चाहिए, जो वाट लगा दे हजारों की..। नगर पालिक निगम के महापौर मुकेश टटवाल ने श्री एवं श्रीमती राजेश जैन को जोड़े से दूध पिलाकर विधिवत शुभारम्भ किया। विभिन्न खिताबों के निर्णायक वीणा परमार, स्वामी दिलमिलाके थे। नीबू, मिर्ची की माला से खिताब विजेताओं को नवाजा गया। महिला वर्ग में संगीता जायसवाल (मिस सर्पिणी), निशा गुप्ता (सापों की राजकुमारी), नीलू सिंह (शाही नागिन), उषा छजलानी (घायल नागिन) रहीं। पुरुष वर्ग में अरुण रोचवानी (सापों का राज कुमार), अशोक दाता (सापों का सरताज), रवि गुप्ता (सर्पो का कोबरा), खिताब से नवाजे गये। पुरुस्कार वितरण समाज सेवी राजेश अग्रवाल ने किया। कवि सुरेंद्र सर्किट ने हास्य व्यंग्य का की रस धारा बहाते हुए कहा कि… बादल गरजे जोर के साथ, बारिश हुई बड़ी जोर के साथ.. हर पल ध्यान रखो अपनी नागिन का,  भाग ना जाये किसी कोबरा के साथ। अंतर राष्ट्रीय कवि अशोक भाटी ने बल खाते हुए कहा कि सांप और शौहर को हमेशा पिटारे में बंद रखिये, वरना जरा सी ढील में भाग जायेंगे। पर्यावरण एवं सर्प रक्षा की शपथ युवा कवि सुगन चंद जैन एवं संत सत्कार समिति के संयोजक श्याम माहेश्वरी ने दिलवाई। अंत मे एक क्विंटल दूध का निःशुल्क वितरण दिनेश विजय वर्गीय, मनीषा डागा, मनीष उपाध्याय, दीपक शाह एवं पंकज परिहार ने किया।

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