इंदौर में हो सकती है सख्ती तो फिर उज्जैन में क्यों नहीं, निजी ट्रेवल्स की बसें घेर लेती है सड़क…देवासगेट की हालात खराब

उज्जैन। उज्जैन के देवासगेट क्षेत्र पर भले ही बस स्टैंड हो और यहां से जाने वाली बसों की बात छोड़ दें तो निजी ट्रेवल्स की बसें देवासगेट परिक्षेत्र की सड़क घेरकर खड़ी रहती है। हालात यह हो जाते है कि  पैदल तक निकलना मुश्किल हो जाता है।
बता दें कि इंदौर में कलेक्टर आशीष सिंह ने सख्ती करते हुए कई ट्रेवल्स के ऑफिस को सील कर दिया है। क्योंकि इनकी बसें सड़कों पर खड़ी रहकर यातायात को बाधित कर रही थी।
उज्जैन में वैसे ही यातायात की समस्या है और जितने दावे यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए किए जाते है उतने ही ये दावे फेल होते रहे है। सबसे ज्यादा हालत खराब है देवासगेट क्षेत्र की। जिस स्थान की बात यहां हो रही है वहां निजी बसें इस कदर से खड़ी होती है कि पैदल आना जाना भी दुभर हो जाता है वहीं देवासगेट बस स्टैंड से जो बसें चलती है वह भी रूक-रूक कर ही चलती है ओैर ऐसे में यातायात बाधित होता है। सवाल यह उठता है कि जब इंदौर में सड़कों पर खड़ी करने वाले ट्रेवल्सों के ऑफिसों को सील किया जा सकता है तो फिर उज्जैन में इस तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। गौरतलब है कि जब से उज्जैन में महाकाल  लोक बना है तभी से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। उज्जैन शहर में इंदौर रोड और आगर रोड पर बस बेतरतीब चलती है। देवासगेट बस स्टैंड से आगर की ओर जाने वाली बसें माधव कालेज, चामुंडा माता चौराहा, जिला अस्पताल, चरक अस्पताल, कोयला फाटक, इंदिरा नगर चौराहा और पांच नंबर नाका तक रेंगते हुए चलती है। यात्रियों को बसों में बैठाने व उतारने के लिए बीच सड़क पर ही बसों को रोक दिया जाता है। यही हाल इंदौर रोड का भी है।