थानों के कमरों में भरी पड़ी शराब

दैनिक अवन्तिका उज्जैन
जप्त वाहनों से थाना परिसर वाहनों का कब्रिस्तान तो बने दिखाई दे रहे है। वहीं थानों में कुछ कक्ष शराब गोदाम बन चुके है। अवैध रूप से होने वाले शराब परिवहन पर होने वाली कार्रवाई के दौरान पुलिस द्वारा देशी-विदेशी शराब को न्यायालय से निराकरण नहीं होने तक सुरक्षित रखा जाता है। यहीं वजह है कि थानों भवनों के कई कक्ष शराब से भरे हुए है। चिमनगंज थाना पुलिस ने तो जगह नहीं होने पर शराब के पेटियां थाना भवन की छत पर जमा दी है। कई थानों में शराब का लुफ्त चूहे उठा रहे है। शराब नष्टीकरण की प्रक्रिया का भी लंबे से समय से इंतजार बना हुआ है।
लकड़ी-डंडे और हथियार भी कक्षों में
पुलिस द्वारा मारपीट, हत्या और विवादों के दौरान प्रयुक्त किये जाने वाले लकड़ी-डंडे और हथियारों को थानों के एक कक्ष में रखा जा रहा है। न्यायालय में लंबे समय तक विचाराधीन प्रकरणों के चलते पुलिस उनका भी नष्टीकरण नहीं कर पा रही है। ऐसे मामलों को लेकर थाना प्रभारियों से चर्चा करने पर उनका कहना होता है कि कुछ मामलों का निराकरण न्यायालय से हो चुका है, कुछ मामले विचाराधीन है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर नीलामी और नष्टीकरण की प्रक्रिया होना है। इसमें थाना पुलिस का हस्तक्षेप नहीं रहता है।

Author: Dainik Awantika