उज्जैन में नहीं थम रहे ठगी के मामले

उज्जैन। धार्मिक शहर उज्जैन में ठगी के मामले थमने के नाम नहीं ले रहे है। ऐसा ही एक मामला रविवार को उस वक्त सामने आया है जब एक दंपत्ति से ठगोरों ने पचास लाख से अधिक की राशि बैंक में ट्रांसफर करा ली।

एक गिरोह के कुछ लोगों ने अपने आपको सीबीआई अधिकारी बताकर एक दंपती को इतना डराया धमकाया कि उन्होंने इन लोगों की बात पर भरोसा करते हुए उनके खाते में 50 लाख 71,000 की राशि ट्रांसफर कर दी। यह राशि लेने के लिए फोन करने वाले लोगों ने सभी तरह के हथकंड़े आजमाए। उन्होंने रिटायर्ड अधिकारी के मोबाइल पर अरेस्ट लेटर भेजा और यहां तक कह दिया कि अगर हमारी बात नहीं मानोगे तो तुम्हें अरेस्ट कर जेल भेज दिया जाएगा। इन लोगों की बातों से घबराकर दंपती ने फोन करने वाले लोगों के बताए गए खाते में अपनी जमा पूंजी ट्रांसफर तो कर दी। लेकिन जब उन्हें बाद में अपने सारे रुपये गंवाने की जानकारी लगी तो तुरंत वह थाने पहुंचे। जहां उन्होंने पुलिस को इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है।

उज्जैन में डिजिटल अरेस्ट में नीरा हवेली में रहने वाले एसबीआई के मैनेजर पद से रिटायर्ड हुए राकेश कुमार जैन उम्र 65 साल के साथ ठगी की वारदात हुई। जिन्होंने पुलिस को बताया कि सात अगस्त को उनके पास सीबीआई अधिकारी के नाम से फोन आया। इस अफसर ने राकेश कुमार जैन को कहा कि आपके मोबाइल नंबर को हम तत्काल ब्लॉक कर रहे हैं। राकेश ने जब नंबर ब्लॉक करने का कारण पूछा तो कार्रवाई का डर बताकर फर्जी अधिकारी ने फोन दूसरे नंबर पर ट्रांसफर कर दिया। दूसरे ठग ने कहा कि मैं साइबर क्राइम विभाग मुंबई से बोल रहा हूं। आपके आधार कार्ड नंबर से एचडीएफसी मुंबई में एक खाता खोला गया है। उस खाते से करोड़ों रुपये की मनी लांड्रिंग एवं अवैध लेन-देन हुआ है। हमें आपकी सर्चिंग करने का कहा गया है, इसलिए अब आप इस कार्रवाई में हमारा सहयोग करें। डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद बुजुर्ग बदमाशों की बातों में आ गए। उन्होंने अपने बैंक की 50 लाख की एफडी तोड़कर महाकाल नामक फर्म के खाते में रुपये जमा करा दिए। ये खाता गाजियाबाद के राजेंद्र नगर बंधन बैंक का निकला। पुलिस ने इस घटना के बाद स्टेट साइबर सेल के साथ काम कर रही है। पुलिस के अनुसार, घटना की जानकारी मिली है। जल्द ही कार्रवाई कर आरोपी को पकड़ा जाएगा।