मनमाने बिजली बिल और कार्रवाई के खिलाफ ने किया नेशहन हाईवें पर चक्का जाम
सुसनेर। नगर में शनिवार को बिजली कंपनी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। सुसनेर एसडीएम मिलिंद ढोके की समझाइश के बाद चक्काजाम खुला। दरअसल सुसनेर में मंदिरों और जैन व ब्राम्हण समाज के लोगों को मनमाने बिजली बिल देने, उनके घरों का पंचनामा बनाए जाने के खिलाफ गुस्सा फूटा। बिजली कंपनी के इस रवैए के खिलाफ आक्रोशित लोगों ने नेशनल हाइवे पर चक्काजाम कर दिया। चक्काजाम की जानकारी लगते ही तहसीलदार विजय सेनानी और पुलिस बल मौके पर पहुंचा और नाराज नगरवासियों को समझाइश दी। नगरवासी बिजली कम्पनी के उपयंत्री सतीश जाटव को हटाने की मांग पर अड़े रहे। एसडीएम मिलिंद ढोके ने बिजली बिलों की जांच करने और दोषी पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। जांच के दौरान कनिष्ठ यंत्री जाटव का सुसनेर में कार्य नहीं करने के आश्वासन पर धरना प्रदर्शन और चक्काजाम समाप्त हुआ। इस पूरे घटनाक्रम के दोरान 1 घंटे तक सड़क के दोनो और वाहनो की कतारे लगी रही।
एसडीएम को दिया ज्ञापन
इस सम्बंध में नगरवासियों ने एसडीएम मिलिंद ढोके को ज्ञापन भी दिया। जिसमें बताया गया की विद्युत वितरण कंपनी के बिजली उपभोक्ताओं से मनमाने तरीके से बिजली बिल देकर लाखो रुपयों की अवैध वसूली के साथ पिछले कई माह से कंपनी के जूनियर इंजीनियर सतीश जाटव हिंदू समाज एवं वर्ग विशेष के लोगों के विरुद्ध द्वेषता पूर्वक बिजली चोरी के झूठे प्रकरण व पंचनामा तैयार कर झूठी कार्रवाई कर रहे है। अब हिंदू समाज की आस्था के मंदिरों में पहुंच यहां बिजली के झूठे प्रकरण बनाए जाकर लाखों के बिल दिए जा रहे है, जिससे हिंदू समाज में आकोश है। बिजली विभाग के द्वारा गरीब वर्ग के लोगों को शासन की 100 यूनिट पर 100 रुपए की योजना का लाभ न मिले इसके लिए मीटर रिडर के साथ मिलकर स्थानीय अधिकारी मीटर रीडिंग लेने के बाद उसमे अलग से बिजली के यूनिट जोड़कर गरीब वर्ग को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिलने दे रहे हैं। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कई उपभोगकता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुये है।
8 माह से परेशान हो रहे उपभौक्ता
उपभौक्ताओ ने एसडीएम को बताया की बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर सतीश जाटव अपने मीटर रीडर के साथ मिलकर षडयंत्र रच रहे हैं। बिजली विभाग के अधिकारी पिछले 8 माह से अधिक समय से गरीब एवं मध्यम वर्ग परिवार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से उनके घरों में पहुंचकर मनमाने तरीके से बिजली का लोड (खपत) लिखकर पंचनामा बना रहे हैं तथा उन्हें हजारों लाखों रुपए के बिल देकर पुलिस कार्रवाई का कर बता रहे है। ऐसे सैकड़ो उपभोक्ता है जिसे बिजली विभाग के अधिकारी लाखों की वसूली कर चुके है। विभाग के अधिकारियों की इस कार्यवाही का जो बिजली उपभोक्ता इसका विरोध करता है उनके घरों के बिजली मीटर बदलकर उनसे बड़ी राशि की वसूली की जा रही है। जबकि वे उपभोक्ता जिनके घरों में अभी तक कई महीनों से बिजली कनेक्शन के बाद भी बिजली का मीटर नहीं लगा है। उन्हें आकलित जपत का बिल देकर उनसे लाखों रुपए की वसूली की जा रही है। सुसनेर में ऐसे 3 हजार से अधिक उपभोक्ता है।